एक मतला दो शेर
मेरे दिल के अंदर क्या है ,जाने कब वो भापेंगे
वो बस अपनी बात करेंगे ,अपना राग अलापेंगे
हमसे मुहब्बत करना मतलब , साथ निभाना होता है
जो दो क़दमों में थक जाएँ ,वो क्या धरती नापेंगे
चेहरा कोई और नहीं ,देखेंगी अब आँखें मेरी
इन संतों को कुछ समझा दो ,राम राम ही जापेंगे
میرے دل کے اندر کیا ہے جانے کب وہ بھاپینگے
وہ بس اپنی بات کرینگے اپنا راگ الاپینگے
ہمسے محبت کرنا مطلب ساتھ نبھانا ہوتا ہے
جو دو قدموں میں تھک جایں وہ کیا دھرتی ناپینگے
چحرہ کوئ اور نہیں دیکھینگی اب آنکھیں میرے
اِن سنتوں کو کچھ سمجھا دو رام رام ہی جاپینگے
ہرشت مصرا