इश्क़ अब हद से ज़ियादा नही करना मुझको
उम्र तुझसे कोई वादा नही करना मुझको
जुज़ तेरे ग़ैर की दस्तक़ भी मेरे दिल को छुए
ज़हन इतना भी कुशादा नहीं करना मुझको
तू ही मक़सूद भी मक़सद भी तलब भी धुन भी
अब कोई और इरादा नहीं करना मुझको
16 अक्टूबर 2021
इश्क़ अब हद से ज़ियादा नही करना मुझको
उम्र तुझसे कोई वादा नही करना मुझको
जुज़ तेरे ग़ैर की दस्तक़ भी मेरे दिल को छुए
ज़हन इतना भी कुशादा नहीं करना मुझको
तू ही मक़सूद भी मक़सद भी तलब भी धुन भी
अब कोई और इरादा नहीं करना मुझको