चाँद को देख के ख़ामोश, सितारे चुप हैं
हम जो चुप हैं तो सभी लोग हमारे चुप हैं
डूबने वाले बहुत चीख़ रहे है लेकिन
देखने वाले समन्दर के किनारे चुप हैं
एक दो लोग मुख़ालिफ़ हैं , किये है कोहराम
चार छ लोग जो बैठे है हमारे... चुप हैं
फिर से ऐलान हुआ उसकी मसीहाई का
फिर लिये ज़ख्म पे हम ख़ून के धारे चुप हैं
ऐसे बच्चे तो खिलौने भी नही मांगेंगे
देखिए कितने सलीके से गुबारे चुप हैं
आप के बस में नहीं कुछ तो यही बेहतर है
आप भी चुप ही रहे जैसे इदारे चुप हैं