कंठ हार भोले सजे, है परम मूल्य वान। भक्त अपरिमित वासुकी, न करे कोई मान।।
यहु तो विधाता की भली, स्मृति देत भुलाय, नहिं ते विपदा याद कर, जग जाता बौराय । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
स्वप्न यदि कुछ ख़ास कर, तो बढ़ के अपने पास कर, कर जतन, जब तक है दम, अपने पर विश्वाश कर । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
जब कभी ये वतन याद आये तुझे, माटी, ममता, मोहल्ला बुलाये तुझे, दो नयन मूँदना, पुष्प चढ़ जायेंगे, संग मिलेंगी करोड़ों दुआयें तुझे । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
अपनी आँखों की चमक से, डरा दीजिये उसे, हँस के हर एक बात पर, हरा दीजिये उसे, पत्थर नहीं अगर , तो मोम भी नहीं, एक बार कसके घूरिये, जता दीजिये उसे । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
भारतवर्ष त्योहारों का देश है। और हम सब भारतीय प्रत्येक जीव जंतु पशु पक्षियों यहां तक कि वृक्षों में भी देवों का बास मानते हैं इसीलिए कभी हम पीपल की पूजा करते हैं तो कभी नीम की कभी बरगद की तो कभी बेल क
पानी सा किरदार था, तो पसंद नहीं था, चढ़े रंग जब दुनिया के, तो ऐब कह दिया। जीने नहीं देती है ये, चाहे ऐसे चाहे वैसे, दुनिया ने शराफत से, कुछ पेश ना किया ॥ (C)@नील पदम्
परिचय नाग पंचमी एक शुभ हिंदू त्योहार है जो भक्तों के बीच महत्वपूर्ण महत्व रखता है। भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार सांपों की पूजा के इर्द-गिर्द घूमता है, जिन्हें शक्तिशाली जी
आज नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. यह पर्व हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन नागों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. आज सोमवार पड़ने की वजह से नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक त्योहार है, जो भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। श्रावण माह (जुलाई-अगस्त) के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाई जाने वाली नाग पंचम