ज़िन्दगी के नए पड़ाव पे पहुंची आज,
अनजानी खुशी का हुआ आगाज़,
बहुत ही मीठा-मीठा सा अहसास,
वो मेरे ही अन्दर ले रहा है साँस,
इन्द्रियों से कर रही मैं आभास,
सपने बुनने की हुई है शुरुआत,
आ रही बस माँ शब्द की आवाज,
इससे बड़ी खुशी नहीं जमाने में,
प्राण मेरे बसे उसके प्राणों में,
आज मेरी साँसे कीमती हो गईं,
ज़िन्दगी के नए पड़ाव में पहुँच,
मातृत्व के भाव में मैं खो गयी।