तेरा इश्क़ है मेरा इबादत । तेरा प्यार है मेरी मोहब्बत । यह कहानी है दो लोगो की जुनून की तकरार की ओर बेइंतिहान मोहब्बत की ।
एक लड़का जिसे नशे की गंदी लत लग गई थी वह हमेशा नशे में मस्त रहता था , अचानक एक दिन जिस पुलिया के नीचे वह छुप कर दूसरे नशेड़ियों के साथ नशा करता था , वहीं एक तीन माह को बच्ची मिल गई ,उसके बाद क्या हुआ पढ़िए व्यसन,,,
मेरी ये किताब एक फौजी की जीवन शैली उसकी कुर्बानी और उसके अधूरे प्यार की एक संग्रह है।। मेरे इस स्टोरी में कुछ चीजें है जो काल्पनिक नही रियाल लगती है पर है नही ये पूर्ण तह: काल्पनिक है मै अपने सब्दो से किसी को भी ठेश नही पहुचना चाहती आप मेर
आज हम एक मा की दर्द भरी कहानी को अपनी आर्टिकल में लिख रहा हूं। यह एक सच्ची घटना है । बात वर्ष 2017 की है । उस समय नया नया LED लाइट गांव में आया। ब्लॉक में उजाला नाम के LED Light आधार कार्ड से मिल रहा था । दो साल का गारंटी भी था। हम सोचे की क्यों ना
सर्वेश को एक रात सड़क पर एक आदमी घायल अवस्था में पड़ा मिलता है , वह उसे उठाकर हॉस्पिटल ले जाया जाता हैं वहा पता चलता है की यह बड़ा किलर है ,!!
नंदू को आचार्य जी रास्ते से लेकर अपने घर में पनाह देते हैं ,और नंदी भी उनके घर का पूरा काम करता था ,वह घर का नौकर कम परिवार का सदस्य अधिक था।।
रोहित और साकेत बचपन में ही साथ पढ़ते थे एक तरह से दोनो लंगोटिया यार थे ,पर साकेत के पिता का ट्रांसफर हो जाने से दोनो अलग हो जाते हैं
इस किताब की पन्नो मैं छिपी है एक अजब दासताँ जो है जीवनी की ये उसका नाम है जो जिया में बदल चुका है तो जीवनी का जिया बनना ही इस किताबो मैं छिपा है और जिया से वो केसे वापिस जीवनी बनेगी ये भी एक राज है तो आप जानना चाहते है की जीवनी केसे बनी जिया तो पढते
यह कहानी पारिवारिक रिश्तो का आंकलन करती है। इसकी मूल संवेदना पिता पुत्र पति-पत्नी भाई बहन जैसे रिश्तो को दर्शाती है। प्रेम सद्भाव से ओतप्रोत यह कहानी पति-पत्नी के बिछड़ने और मिलने का बोध कराती है। पुत्र के बचपन से किशोरावस्था तक जाने में , फिर उसे अ
आओ जज्बातों के रोमांचक सफर पर चलें।
"इतने मँहगे कपड़े, सामान और खिलौने लेने की क्या जरूरत है माँ जी ? फिर अभी तो इतने पैसे भी नहीं हैं मेरे पास !" मुक्ता ने कहा पर फिर भी शायद वह उसकी मंशा समझ नहीं सकीं । "पैसे नहीं हैं तो क्या फर्क पड़ता है ? सामान अलग कर कुछ एडवांस दे देते हैं । कल
प्रस्तुत उपन्यास 'मझली दीदी' एक ऐसी स्नेहमयी नारी की कहानी है जो अपनी जेठानी के अनाथ भाई को अपने बेटे के समान प्यार करने लगती है। ... इस सशक्त रचना पर 'चौखेर बाली' के नाम से बंगाली में फिल्म भी बन रही है जिसमें मझली दीदी की भूमिका हिंदी फिल्मों की प्
लड़की के विवाह योग्य आयु होने के सम्बन्ध में जितना भी झूठ बोला जा सकता है, उतना झूठ बोलने के बाद भी उसकी सीमा का अतिक्रमण किया जा चुका है और अब तो विवाह होने की आशा भी समाप्त हो चुकी है। ‘मैया यह कैसी बात है?’ समाज में अब यह मजाक भी निरर्थक समझा जाने
इंसान और जानवरों के बीच में निष्पाप प्रेम का बर्णन, और उनके एक दूसरे से अलग हो जाने का दुःख, लेखिका ने इस कहानी के जरिए दिखाने की चेष्टा की है।।
ठाकुर महेंद्र सिंह के छोटे बेटे ने अपने से छोटे जाति की लड़की से विवाह कर लिया तो घर में आफत आ गई ,उसे घर ने रुकने नही दिया गया ,!!!
ये मेरी पहली कहानी है जो मैं लिखने जा रही हूँ ! मेने यहाँ बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं उन सभी कहानियो से प्रेरित होकर मुझे भी मेरी कहानी लिखने का मन हुआ | ये दिन भी मेरे लिए हमेशा की तरह थकान भरा और उबाऊ दिन था! मेरे कदम हमेशा की तरह ऑफिस से डांस क्लास
एक ऐसे भाई की कहानी जो अपनी बहन को वेश्यालय से छुड़ाने का प्रयास करता है और उसमें सफल भी होता है।।