प्रस्तुत पुस्तक में देवी-देवताओं से संबंधित कथाएं कहानियां और उनकी लीलाओं के प्रसंग हैं
🌺खिलौने जो आज भी जिंदा है🌺 आज मायके में बोहोत दिनों बाद मैने अपनी पुरानी पेटी खोली और मां से कहा - "आप ने अब भी मेरे खिलौने कितने संभाल के रखे हैं। " और मन ही मन सोचने लगी कि एक मायका ही होता है जो अपनी बिटिया के सारे निर्जीव खिलौनों को
एक राजा था उसे दूसरे राजा से युद्ध में जितना तू तो उसके किले पर जितनी बार भी आक्रमण करता वह हार जाता एक दिन वह थक के अपने कक्ष में बैठा था तो उसे नजर दीवार पर गई उसने देखा कि एक चींटी दीवार पर चल रही थी वह हमेशा नीचे गिरती और वह कोशिश नहीं आती वह चढ़
आई लव यू आरोही .. शिवांश ने जैसे ही ये बात आरोही से कहा आरोही को गुस्सा आ गया और उसने शिवा से कहा .. होश में तो हो ? ये क्या बोल रहे हो तुम ? औकात देखी है अपनी ? दोस्ती करने तक की औकात नहीं है . और मुझसे प्यार करने चले हो ?? दुबारा अगर अपनी
“सुक्का” अपने नाम से ही एक फजुलियत बिखेरता किरदार| सुक्का होने को तो कभी के प्रसिद्द साहूकार रतन शर्मा का पोत्र था| रतन शर्मा का ब्याज का बड़ा काम था अंग्रेजो के ज़माने से| उनके दो पुत्र थे बड़े चन्द्र दत्त और छोटे सोमदत्त| चन्द्र दत्त पढ़-लिख कर अध्यापक
हम इंसान है इसलिए हमारे पास रिश्ते हैं, पर हर रिश्ता खुशी, सकून देने वाला हो ये जरूरी तो नहीं कुछ सिर्फ बंधन बनकर रह जाते हैं उलझनों वाला, दर्द तकलीफ वाला एक अनचाहा बंधन ,, मिहिर और चाहत ऐसे ही अनचाहे बंधन की उलझनों, दर्द तकलीफों से निकलने के लिए दो
सिंदूर:- किसी भी औरत की खुबसूरती को चार चाँद लगा देता है वो है उसका श्रृंगार और सभी जानते हैं कि औरत का श्रृंगार सिंदूर के बिना पुरा नहीं माना जाता है। सुहागिनो की पहचान है सिंदूर, सही मायनों में सिंदूर किसी भी औरत की जिंदगी में सबसे कीमती श्रृंग
मैंने सुना था कि माॅं का दूसरा नाम स्वर्ग होता है लेकिन माॅं जब से आप हमारे घर आई आपने हमारे घर को नर्क से भी बदतर बना दिया । माॅं से बढ़कर कोई गुरु नहीं होता । क्या ऐसा ही होता है ?? आप गुरु का मतलब भी जानती है माॅं । सब जानते है कि हमारी संस्कृति
" अरे तुम सब लड़के यहां से चले जाओ यहां लड़कियां बैठेंगी और फेरों में लड़कों का क्या काम है ? " विजय जी वहां बैठे नलिन के दोस्तों से कहा । नलिन जिसकी शादी हो रही है उसका एक दोस्त श्लोक खड़ा हुआ और बोला " अंकल जी हम क्या लड़कियों को खा थोड़ी जाएंगे
12 कहानियों का संग्रह राष्ट्रीय पुस्तक सदन,दिल्ली से अगस्त 2015 मे प्रकाशित - अवशेष प्रणय कहानी संग्रह मे 12 सामाजिक कहानियां संग्रहित है... 1. आखिरी खत 2. अपने पिया की मै 3. बदलती दिशाएं ४. बनवास 5. बेरोजगार 6. बुत का दहन 7. जी से दिया उ
रात के ३ बजे अचानक से तनु की आंखे खुल गई न जाने क्यों कमरे में ठंड बढ़ गई थी नवंबर की शुरुवात थी और मौसम रात को ठंडा हो जाता था तनु ने उठ के पानी पिया और देखा था खिड़की खुली हुई थिनौर उस में से ही ठंडी हवाएं आ रही थीं, तनु सोच में पड़ गई ये खिड़क
ये किताब एक दापंत्य जीवन को और मजबुत करें इस इरादे से इसे लिखी गई हैं। इसमे धनात्मक बाते और अच्छी बातो का सृजन किया गया हैं। किसी व्यक्ति को ठेस ना पहुँचे इसका पुरा ध्यान रखा गया हैं।