हर किसी की तरह मुझे भी अपने माँ पापा की
स्मृतियाँ हर पल बनी रहती हैं | यों कहिये कि ऐसा लगता है जैसे ये दोनों सदा मेरे
साथ हैं – हर पल, हर घड़ी, सुख में-दुःख में... हर जगह... क्योंकि भले ही कभी इनकी
यादें मन को विचलित कर दें, लेकिन परिचय की यही तो शाश्वत परिणति होती है... मेरे
माँ-पापा को समर्पित ये कुछ पंक्तियाँ...
कितना था प्रगाढ़ वह परिचय, फिर
क्यों उसकी ऐसी परिणति |
मुक्त हो चले सम्बन्धों से जैसे मनचाहा कोई
अतिथि ||
तेरे मेरे इसके उसके सम्बन्धों से विचलित
होता
कभी हर्ष में गुन गुन गाता, कभी
क्षोभ से बेकल होता |
कहाँ गया वह हर्ष क्षोभ, यह कैसी
बन बैठी है नियति ||
इसके हित था दिन भर थकता, उसके
हित रातों को जगता
कभी इधर और कभी उधर वह मन के अश्व भगाता
फिरता |
पर ना जाने कहाँ खो गए अश्व, कहाँ जा
पहुँचा अतिथि ||
परिचय का यह भ्रम बन्धन था बड़ा मधुर और बड़ा
अनूठा
तब ही किसी अदृश्य शक्ति ने आकर वह भ्रम
बन्धन तोड़ा |
और मिल गया सत्य सत्य में, परिचय
की यह शाश्वत परिणति ||
4 जुलाई 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्म | शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश के ही जिला बिजनौर के नजीबाबाद में सम्पन्न |
शिक्षा दीक्षा : संस्कृत तथा तबला में पोस्ट ग्रेजुएशन, गायन तथा कत्थक में ग्रेजुएशन, गुरु शिष्य परम्परा में गायन-तबला तथा जयपुर घराने के कत्थक की शिक्षा, भारतीय दर्शन में पी एच डी |
आकाशवाणी नजीबाबाद से उदघोषण, संगीत संयोजन, लेखन, संगीत रूपक इत्यादि विधाओं के चलते 7 वर्ष तक जुड़ाव | इस बीच लगभग पाँच वर्ष तक रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय और गढ़वाल विश्वविद्यालयों में संस्कृत अध्यापन |
1983 से विवाह के बाद से आज तक ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद, साथ ही 35 वर्षों से भी अधिक के अनुभव के साथ एक लब्ध प्रतिष्ठ ज्योतिषी |
कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनियों के लिए भी लेखन कार्य | लगभग दस वर्षों तक दूरदर्शन के प्रिव्यू पैनल पर एक्सपर्ट के रूप में कार्य |
प्रकाशित कार्य:
• बचपन से ही लेखन में गहन रूचि के कारण अनेक पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखने का सौभाग्य |
• 2006 में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपुरपाश” प्रकाशित |
• 2006 में ही व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों पर आधारित प्रथम काव्य संग्रह “मेरी बातें” हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित |
• भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता उपन्यास “सौभाग्यवती भव” नाम से 2008 में भारतीय पुस्तक परिषद दिल्ली से प्रकाशित |
• बयार के समान उन्मुक्त भाव से प्रवाहित होती निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहती महिलाओं पर ही आधारित उपन्यास “बयार” 2015 में एशिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित |
सम्प्रति:
• स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास “विरक्त” शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है |
• अन्य अनेकों संस्थाओं की महासचिव रहने के बाद सम्प्रति WOW (Well-Being of Women) India नामक राष्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
संपर्क सूत्र: 302, कानूनगो अपार्टमेंट, 71 इन्द्रप्रस्थ विस्तार, दिल्ली –92,
मोबाइल: 7042321200
वेबसाइट : https://www.astrologerdrpurnimasharma.in/
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