दागो दिल की गोली,बचे न कोई चोली, मस्ती में कर छिछोली,प्यार की खेलोहोली, ओ मेरे हमजोली!- फूलों के हो रंग बिन पानीके संग, मोड़ों नाही कलईयाँ, न करोमोहे तंग,नस-नस दौड़ पड़ा है प्रेम कातेरा भंग,दुनिया की अब बोली, गुलालहो या हो रोली,दागो दिल की गोली,बचे न कोई चोली,मस
१४ फरवरी अधिकांशतया वसंत ऋतू के आरम्भ का समय है .वसंत वह ऋतू जब प्रकृति नव स्वरुप ग्रहण करती है ,पेड़ पौधों पर नव कोपल विकसित होती हैं ,विद्या की देवी माँ सरस्वती का जन्मदिन भी धरती वासी वसंत पंचमी को ही मनाते हैं .इस दिन विद्यार्थियों के लिए विद्या प्राप्ति के क्षेत्र में पदार्पण शुभ माना जाता है.य