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सप्तदशी

विष्णु प्रभाकर

18 अध्याय
1 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
7 पाठक
16 अगस्त 2023 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

सप्तदशी विष्णु प्रभाकर का एक उपन्यास है, जो 1947 में प्रकाशित हुआ था. यह उपन्यास भारत के विभाजन के दौरान एक परिवार के जीवन का वर्णन करता है. उपन्यास का मुख्य पात्र, जयदेव, एक युवा व्यक्ति है जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल है. जब भारत का विभाजन होता है, तो जयदेव का परिवार विभाजन के दो पक्षों में बंट जाता है| जयदेव अपने परिवार के साथ भारत में रहने का फैसला करता है, जबकि उसके भाई-बहन पाकिस्तान चले जाते हैं| उपन्यास जयदेव और उसके परिवार के जीवन में विभाजन के बाद आने वाले परिवर्तनों का वर्णन करता है| सप्तदशी एक महत्वपूर्ण उपन्यास है, क्योंकि यह भारत के विभाजन के दौरान एक परिवार के जीवन का यथार्थवादी चित्रण करता है| यह उपन्यास यह भी दिखाता है कि विभाजन ने भारतीय समाज को किस तरह से प्रभावित किया है| 

saptadashi

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पुस्तक के भाग

1

आमुख

12 अगस्त 2023
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..........................................................................................1.......................................................................................................... ज

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अध्याय 1 : बड़े भाईसाहब

13 अगस्त 2023
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मेरे भाई मुझसे पाँच साल बड़े थे; लेकिन केवल तीन दर्जे आगे । उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था, जिसमें मैंने शुरू किया, लेकिन तालीम जैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दीबाज़ी से काम लेना पसन्द न

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अध्याय 2 : मधुआ

13 अगस्त 2023
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"आज सात दिन हो गए, पीने की कौन कहे, छुआ तक नहीं । आज सातवां दिन है सरकार !" -- " तुम झूठे हो। अभी तो तुम्हारे कपड़े से महक आ रही है । " "वह........वह तो कई दिन हुए। सात दिन से ऊपर कई दिन हुए--अंधेरे

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अध्याय 3 : झलमला

13 अगस्त 2023
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 मैं बरामदे में टहल रहा था। इतने में मैंने देखा कि बिमला दासी अपने आंचल के नीचे एक प्रदीप लेकर बड़ी भाभी के कमरे की ओर जा रही है। मैंने पूछा - "क्यों री ! यह क्या है ?" वह बोली - "झलमला ।" मैंने फिर

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अध्याय 4: आत्म-शिक्षण

13 अगस्त 2023
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महाशय रामरत्न को इधर रामचरण के समझने में कठिनाई हो रही है। वह पढ़ता है और अपने में रहता है। कुछ कहते हैं तो दो-एक बार तो सुनता ही नहीं । सुनता है तो जैसे चौंक पड़ता है। ऐसे समय, मानो विघ्न पड़ा हो इ

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अध्याय 5: निंदिया लागी

13 अगस्त 2023
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कालेज से लौटते समय मैं अक्सर अपने नये बंगले को देखता हुआ घर आया करता । उन दिनों वह तैयार हो रहा था । एक ओवरसियर साहब रोजाना, सुबह-शाम, देख-रेख के लिए आ जाते थे । वे मझले भैया के सहपाठी मित्रों में स

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अध्याय 6: प्रायश्चित्त

13 अगस्त 2023
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अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसीसे प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से । रामू की बहू दो महीना हुआ, मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति

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अध्याय 7: पटाक्षेप

13 अगस्त 2023
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सी० आई० डी० विभाग में मेरा यथेष्ट मान था। अपने आश्चर्यजनक कार्यों से मैंने अपने डिपार्टमेंट में खलबली मचा दी थी। चारों ओर मेरी धूम थी। मैंने ऐसे-ऐसे गुप्त भेद खोले थे जिनके कारण मेरी कार्यपटुता और बु

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अध्याय 8: शत्रु

13 अगस्त 2023
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ज्ञान को एक रात सोते समय भगवान् ने स्वप्न-दर्शन दिए और कहा – “ज्ञान मैंने तुम्हें अपना प्रतिनिधि बना कर संसार में भेजा है। उठो, संसार का पुनर्निर्माण करो ।” ज्ञान जाग पड़ा । उसने देखा, संसार अन्धकार

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अध्याय 9 : मास्टर साहब

13 अगस्त 2023
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न जाने क्यों बूढ़े मास्टर रामरतन को कुछ अजीब तरह की थकान - सी अनुभव हुई और सन्ध्या-प्रार्थना समाप्तकर वे खेतों के बीचोंबीच बने उस छोटे-से चबूतरे पर बिछी एक चटाई पर ही लेट रहे । सन् १६४७ के अगस्त मास

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अध्याय 10 : मैना

14 अगस्त 2023
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अलियार जब मरा तो दो पुत्र, छोटा-सा घर और थोड़ी-सी ज़मीन छोड़कर मरा । दसवें के दिन दोनों भाई क्रिया-कर्म समाप्त करके सिर मुंडाकर आये, तो आने के साथ ही बटवारे का प्रश्न छिड़ गया, और इस समस्या के समाधान

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अध्याय 11: खिलौने

15 अगस्त 2023
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 जब सुबह का धुंधला प्रकाश आसपास के ऊंचे मकानों को पार करके अहाते में से होता हुआ उसकी अंधेरी कोठरी तक पहुंचा, तो बूढ़े खिलौने वाले ने आंखें खोली । प्रभात के भिनसारे में उसके इर्द-गिर्द बिखरे हुए खि

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अध्याय 12: नुमायश

15 अगस्त 2023
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नुमायश का अहाता बनकर तैयार हो चुका था । बीच-बीच में फुलवारी की क्यारियां लग चुकी थीं । दुकानों और बाज़ारों की व्यवस्था भी करीब-करीब हो ही गई थी । कुछ सजधज का काम अभी कहीं-कहीं बाकी था। मिस्त्री बिजल

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अध्याय 13: जीजी

15 अगस्त 2023
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“यही हैं ?” आश्चर्य से इन्दु ने पूछा । "हां" उपेक्षा से गर्दन हिलाकर सुरेखा ने उत्तर दिया । " अरे !" इन्दु ने एक टुकड़ा समोसे का मुंह में रखते-रखते कहा – “अच्छा हुआ सुरेखा तुमने मुझे बता दिया, नही

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अध्याय 14: ज्योति

15 अगस्त 2023
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विधाता ने पदार्थ को बनाया, उसमें जड़ता की प्रतिष्ठा की और फिर विश्व में क्रीड़ा करने के लिए छोड़ दिया। पदार्थ ने पर्वत चिने और उखाड़ कर फेंक दिये, सरितायें गढ़ीं, उन्हें पानी से भरा और फूंक मार कर सुख

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अध्याय 15: चोरी !

15 अगस्त 2023
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 कमरे को साफ कर झाड़ू पर कूड़ा रखे जब बिन्दू कमरे से बाहर निकला तो बराण्डे में बैठी मालती का ध्यान उसकी ओर अनायास ही चला गया । उसने देखा कि एक हाथ में झाड़ू है; पर दूसरे हाथ की मुट्ठी बंधी है और कुछ

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अध्याय 16: जाति और पेशा

15 अगस्त 2023
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अब्दुल ने चिन्ता से सिर हिलाया । नहीं, यह पट्टी उसीकी है। वह रामदास को उसपर कभी भी कब्जा नहीं करने देगा । श्याम जब मरा था तब वह मुझसे कह गया था । रामदास तो उस वक्त नहीं था । उसका क्या हक है ? आया बड़ा

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अध्याय 17: आपरेशन

15 अगस्त 2023
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डा० नागेश उस दिन बड़ी उलझन में पड़ गये। वह सिविल अस्पताल के प्रसिद्ध सर्जन थे । कहते हैं कि उनका हाथ लगने पर रोगी की चीख-पुकार उसी प्रकार शान्त हो जाती थी जिस प्रकार मा को देखते ही शिशु का क्रन्दन बन्

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