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सामाजिक की किताबें

Social books in hindi

विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं। तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
अधूरा  इंतजार

मैंने तो खुद को समेटा था ऐसे, सात परदों में छुपा लिया हो जैसे, खामोशी मेरा पर्याय बन चुकी थी मैं, मैं नहीं, कुछ और हो चुकी थी खामोश दर्पण में अपना अक्स देखने वाली मैं न जाने कब और कहाँ खो चुकी थी स्याही सूख गयी थी शब्द धुंधला गए थे सरस्वती की उपासक

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सोच

यह पुस्तक लघु कथाओं का संग्रह है। एक सोच है हमारे समाज की । एक आईना है युवा पीढ़ी के लिए। समाज के हर तबके के लिए हमारे दिल मे कितनी इज्जत है। हम कितना सहयोग कर सकते हैं।

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4 अध्याय
3 फरवरी 2022
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संथाली

संथाली जनजाति के बारे में जानकारी

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मेरा बाप मेरा दुश्मन

"मेरा बाप ही मेरा दुश्मन हो गया मेरे बाप ने मेरे साथ जो किया नहीं जानती हूं मेरी जगह कोई और होती तो स्वयं आत्महत्या करने की अथवा अपने बाप का गला दबा देती।" इतना कहकर रमला बुरी तरह रोने लगी।

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3 फरवरी 2022
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प्रेमा

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। प्रेमा मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया पहला उपन्य

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12 अध्याय
23 जुलाई 2022
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अधुरी

खो गयी हूंँ मैं, हूंँ इसी जमीं पर , पर अपनों के बीच खो गयी हूं मैं!

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गांव

गांव वह सुहानी सी पुरवाई , लहलहाते खेत, झूमती अमराई। क्या देखा है आपने गांव? जहां अल्हड़- सी प्रकृति, नव यौवना की भांति मुस्काई। दूर गायों की घंटियों की रुनझुन , लौटते ग्वाल ,उछलते जानवरो के निनाद , जैसे गाते कोई गीत- बधाई । जलते चुल्हो के उठते

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रंगभूमि

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। रंगभूमि (1924-1925) उपन्यास ऐसी ही कृति है। नौकर

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48 अध्याय
23 जुलाई 2022
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अभिमन्यु वध

महाभारत के अमर पात्र अभिमन्यु के शौर्य को समर्पित एक कविताओं

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7 फरवरी 2022
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अहसास - ए - दिल

दिल...... तुम्हारा दिल भी मेरी याद में, धड़कता तो होगा । जाने अंजाने में कभी , याद हमे भी करता तो होगा।। दिल में है यादों का पहरा , आंखों में बस एक ही चेहरा । ज़

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वरदान

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। 'वरदान' दो प्रेमियों की दुखांत कथा है। ऐसे दो प्र

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26 अध्याय
23 जुलाई 2022
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कविताएं जो मन में बस गयी

कुछ काव्य जो मेरे मन में बस गए | उन्हें संगृहीत करने का एक छोटा सा प्रयास ...

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9 अध्याय
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प्रकृति का सन्देश

ऐ पृथ्वी के मानव तुम , तेरी आवाहन मैं करती हूँ | सदा हमें सम्भाल कर रखना , तुम्हें हमेशा कहती हूँ | मैं स्वस्थ्य तो तुम स्वस्थ्य हो , तुमसे स्वस्थ्य पुर्ण संसार होगा | कर मदद सदा दुखियों का , प्रसन्न मन शांति तुम्हारा उपहार होगा | जल,वायु,आकाश,अग्नि

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16 फरवरी 2022
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अलंकार

अलंकार - सम्पूर्ण उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद क़ी ये कहानी अध्यात्म, धर्म एवं नैतिकता के विषय में बहुत कुछ कह जाती है। उन्होंने राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों के बारे में जनता में जागरूकता लाने के लिए साहित्य का उपयोग किया और भ्रष्टाचार, बाल विधवापन

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5 अध्याय
12 फरवरी 2022
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कॉलेज गोइंग लड़कियां

(कॉलेज गोइंग लड़कियां) यह कॉलेज गोइंग लड़कियां! कितनी बेलौस, बेतरतीब ,बे खौफ! चलती नहीं, उड़ती है! अपने तमन्नाओं के पंख पर बेहिसाब। आंखो में सैंकड़ों ख़्वाब। परम आधुनिका। हाथों में लिए स्मार्ट फोन पर उंगलियां फिराती, अधखिली-सी! हंसती, मुस्काती। राह च

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हमखुर्मा व हमसवाब

संध्या का समय है, डूबने वाले सूर्य की सुनहरी किरणें रंगीन शीशो की आड़ से, एक अंग्रेजी ढंग पर सजे हुए कमरे में झॉँक रही हैं जिससे सारा कमरा रंगीन हो रहा है। अंग्रेजी ढ़ंग की मनोहर तसवीरें, जो दीवारों से लटक रहीं है, इस समय रंगीन वस्त्र धारण करके और भी

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12 अध्याय
12 फरवरी 2022
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ओ मेरी साँसों के दीप

सामाजिक सरोकारों एवं जीवन के विविध पहलुओं पर आधारित हिंदी काव्य संग्रह

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सेवासदन

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। सेवासदन में नारी जीवन की समस्याओं के साथ-साथ समाज

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55 अध्याय
23 जुलाई 2022
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"बनफूल" की कहानियाँ

विलक्षण प्रतिभा के धनी बँगला कथाकार "बनफूल" की 50 कहानियों का हिन्दी अनुवाद।

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