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सामाजिक की किताबें

Social books in hindi

विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं। तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
 मेलुहा के मृत्युंजय

जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता

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6 मई 2022
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ज़िन्दगी 50-50

भावनाएँ, ज़रूरतें, महत्वाकांक्षाएँ-ये सब एक स्त्री की-लेकिन शरीर-पुरुष का! एक बेहद दर्दनाक परिस्थिति जिसमें ज़िन्दगी, ज़िन्दगी नहीं, समझौता बनकर रह जाती है। ऐसे इन्सान और उसके घरवालों को हर मकाम पर समाज के दुव्र्यवहार और ज़िल्लत का सामना करना पड़ता है। अन

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3 जून 2022
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 बेघर

‘बेघर’ ममता कालिया का पहला उपन्यास और उनकी दूसरी पुस्तक है। यह कृति अपनी ताजगी , तेवर और ताप से एक बारगी प्रबुद्ध पाठकों और आलोचकों का ध्यान खींचती है। इस पुस्तक के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं, पेपर बैक संक्षिप्त संस्करण भी । हिन्दी उपन्यास

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19 मई 2022
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एक अप्रेषित पत्र

महेंद्र भीष्म की कहानियाँ हमारे आस-पास से लेकर दूर-दराज तक फैले आज के जीवन से जुड़े कथ्य और पात्रों-चरित्रों का आइना हैं । कथाकार के लेखन-कौशल से कहीं अधिक उसकी पर्यवेक्षण-क्षमता के चलते इस कथा संग्रह में विविधिता संभव हुई । इस संग्रह के अंदर उनहोंने

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3 जून 2022
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आलाप में गिरह

यूँ तो गीत चतुर्वेदी की पहली कविता 1994 में छप गई थी, जब उनकी उम्र 17 वर्ष थी, लेकिन कविताओं की पहली किताब बनाने में उन्होंनें अगले 16 साल और लगा दिए। इस किताब में शामिल सबसे पुरानी कविता 1995 में लिखी गई थी, तो सबसे ताज़ा 2009 में। जब 2010 में ‘आलाप

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11 मई 2022
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आख़िरी दरख़्त

उपन्यासकार महेन्द्र भीष्म अपनी रचना- धर्मिता के प्रति प्रतिबद्ध रचनाकार के रूप में जाने जाते हैं। आपने ऐसे विषयों पर अपनी कलम उठाई है, जिन पर सामान्यतः रचनाकारों का बहुत कम ध्यान जाता है। युद्ध पर आपका उपन्यास ‘जयहिन्द की सेना’ हो या हाशिये के लोगों

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3 जून 2022
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 दो गज़ की दूरी

दो गज़ की दूरी' वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना

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20 मई 2022
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समय सरगम

हम हैं तो समय है। हमारी ही चेतना में संचित है हमारा काल-आयाम। हम हैं, क्योंकि धरती है, हवा है, धूप है, जल है और यह आकाश। इसीलिए हम जीवित हैं। भीतर और बाहर—सब कहीं—सब कुछ को अपने में सँजोए। विलीन हो जाने को पल-पल अनन्त में...। पुरानी और नई सद

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13 जून 2022
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अक्टूबर जंक्शन

चित्रा और सुदीप सच और सपने के बीच की छोटी-सी खाली जगह में ‍10 अक्टूबर 2010 को मिले और अगले 10 साल हर 10 अक्टूबर को मिलते रहे। एक साल में एक बार, बस। अक्टूबर जंक्शन के ‘दस दिन’ 10/अक्टूबर/ 2010 से लेकर 10/अक्टूबर/2020 तक दस साल में फैले हुए हैं। एक त

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3 मई 2022
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 ढलती साँझ का सूरज

मधु कांकरिया की विशिष्ट पहचान; साहित्य को शोध और समाज के बीहड़ यथार्थ के साथ जोड़कर, मानवीय त्रासदी के अनेक पहलुओं की बारीक जाँच करना है। उपन्यास या कहानी लिखते समय, उनके सामने समाज ही नहीं, मानव कल्याण का अभिप्रेत रहता है। वे साहित्य लेखन को एक अभिया

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16 जून 2022
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गीतांजलि

‘गीतांजलि’ महान् रचनाकार नोबल पुरस्कार विजेता कवींद्र रवींद्रनाथ टैगोर का प्रसिद्ध महाकाव्य है। एक शताब्दी पूर्व जब इसकी रचना हुई; तब भी यह एक महाकाव्य था और एक शताब्दी के बाद भी यह महाकाव्य है तथा आनेवाली शताब्दियों में भी यह एक महाकाव्य ही रहेगा। इ

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20 मई 2022
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चिड़िया ऐसे मरती है

आज हम एक ऐसे कठिन समय में जी रहे हैं जहाँ कोमलता, सुन्दरता और संवेदनशीलता को बचाये रखना कितना कठिन लेकिन लाजिमी है, मधु कांकरिया के नये कहानी संग्रह 'चिड़िया ऐसे मरती है' की कहानियाँ इसकी बानगी हैं। चिड़िया कोमल होती है। पशु-पक्षी, प्रकृति की सुन्दरत

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16 जून 2022
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 गोरा

जब गोरा का कोई नाम, जाति और धर्म नहीं था, तो परिस्थितियों ने उसे नाम दिया - गोरामोहन, जाति - ब्राह्मण, और धर्म - हिंदू। जबकि वह हिंदू धर्म के सच्चे पैरोकार थे, धर्म ने उन्हें एक बहिष्कृत और अछूत कहकर खारिज कर दिया। इस उत्कृष्ट कृति में, टैगोर सभी भार

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20 मई 2022
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The चिरकुट्स

“कालेज कुछ और दे न दे जिंदगी भर के लिए कुछ दोस्त जरूर दे देता है।” यह कहानी ऐसे ही चार दोस्तों की है जो प्यार के बारे में अलग-अलग राय रखते हैं। आखिरकार जब उन्हें सच में प्यार होता है तब उन्हें यह पता चलता है कि कालेज का संसार और बाहर की दुनिया दो

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16 जून 2022
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दर्द माँजता है

लिखना भी एकcatharsis है। विभिन्न लोग इसे विभिन्न तरह से हासिल करते हैं। मुझे लिखकर ही प्राप्त हुआ। ज़मीन को फोड़कर, सर उठकर बीज की तरह निकला हूँ और जाड़ा, गर्मी, बरसात, आंधी सहकर वृक्ष बना हूँ। गांव से शहर तक, नगर से महानगर तक, पैदल से साइकिल तक, फिर मो

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17 जून 2022
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अधूरी चीज़ों का देवता

गीत चतुर्वेदी के गद्य में उनकी कविता की ख़ुशबू है। ‘अधूरी चीज़ों का देवता’ उनके जादुई गद्य का ताज़ा उदाहरण है। साहित्य, सिनेमा, कला, संगीत, कविता, किताबें – गीत चतुर्वेदी के अध्ययन और रुचियों के विस्तृत दायरे की एक पहचान इस किताब से मिल जाती है। इस क

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11 मई 2022
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उत्तराधिकारी

यशपाल के लेखिकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्यायबुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज्यादा तरल रूप में, ज्यादा गह

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21 मई 2022
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गाँधी की शव परीक्षा

‘गाँधी की शव परीक्षा ’ में शोषण में निरीहता , अहिंसा और दरिद्रनारायण की सेवा आदि सिद्धान्तों का मूल्यांकन करते हुए कहा गया है कि ‘गाँधी वाद’ जनता की मुक्ति , सामन्तकाली न घरेलू उद्योग-धंधों और स्वामी सेवक के सम्बन्ध की पुनः स्थापना में समझता है जो इत

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21 मई 2022
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राग दरबारी

रागदरबारी जैसे कालजयी उपन्यास के रचयिता श्रीलाल शुक्ल हिंदी के वरिष्ठ और विशिष्ट कथाकार हैं। उनकी कलम जिस निस्संग व्यंग्यात्मकता से समकालीन सामाजिक यथार्थ को परत-दर-परत उघाड़ती रही है, पहला पड़ाव उसे और अधिक ऊँचाई सौंपता है। श्रीलाल शुक्ल ने अपने इस नए

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11 मई 2022
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सच बोलने की भूल

यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक, परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है, सच बोलने की भूल कहानी संग्रह हैं |

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21 मई 2022
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