बहुत से लोग जीवन में सुखी रहते हैं , प्रसन्न रहते हैं मस्त रहते हैं ।और बहुत से लोग जीवन में दुखी रहते हैं , चिंतित और परेशान रहते हैं।क्या कारण है ? बहुत सारे कारण हो सकते हैं। उनमें से एक कारण
समुद्र मंथन के उपरांत जब अमृत कलश उत्पन्न हुआ, तो उसे दैत्यों की नजर से बचाने के लिए श्री हरि विष्णु ने अपनी माया से बहुत सारी अप्सराओं की सर्जना की। दैत्य अप्सराओं को देखते ही उन पर मोहित हो गए
आयुर्वेद के अनुसार किसी भी तरह के रोग होने के 3 कारण होते हैं। किसी भी रोग के होने का कारण एक भी हो सकता है और दो भी हो सकता है या दोनों का मिश्रण भी हो सकता है या तीनों दोषों के कारण भी रोग हो सकता ह
एक लड़का एक जूतो की दुकान में आता है गांव का रहने वाला था, पर तेज़ था....उसका बोलने का लहज़ा गांव वालों की तरह का था, परन्तु बहुत ठहरा हुआ लग रहा था... उम्र लगभग 22 वर्ष की रही होगी...दुकानदार की पहली नज़
परिचय:- इस रोग के कारण रोगी के पेट में गैस बनने लगती है जिसके कारण रोगी का पेट फूलने लगता है और पेट में दर्द होने लगता है। इस रोग को फ्लेटूलेन्स भी कहते हैं। इस रोग के कारण रोगी को डकारे भी आने लगती ह
लोगों में नसीहत देने का, अंदाज आ गया है । किसी से सीख लेने का, अंदाज न आया ।चरणों को स्पर्श कराने में,गर्व मना रहे हैं । &nbs
जब अपेंडिक्स का दर्द उठाता है तब डॉक्टर लोग हमेशा ओपरेशन करने के लिए ही बोलते है , लेकिन अपेंडिक्स के लिए कभी भी ओपरेशन नहीं करना चाहिए.अगर आप निम्न लिखित उपाय करेंगे तो अपेंडिक्स से 7दिन के अन्दर आप
मानव शरीर जटिलताओं से भरी एक ईश्वरीय संरचना है जहा इसके प्रत्येक अंग का अपना महत्व है । इन्हीं अंगों में एक है अपेण्डिक्स क्या होता है अपेंडिक्स?सामान्यतः यह एक वेस्टिजियल अंग है जो छोटी और
1. तुलसी : तुलसी के पत्तों को नमक के साथ पिस कर डंक लगे स्थान पर मलना चाहिये |जहर तुरंत उतर जायेगा।2.मिटटी का तेल : ततैया के काटने के बाद आप मिटटी के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं|
सहदेव मामा ( कहानी अंतिम क़िश्त )( अब तक -- मालती और मोहन के परिवार के लोग उनसे मिलने दिल्ली की ओर रवाना हो गए ) आगेसबसे पहले मोहन के परिवार के लोग मोहन और मालती के संपर्क में आये। उनके सुखी परिव
सात बूँद बड़ का दूध शक्कर के साथ देने से पेशाब तथा गुदा द्वारा होने वाले रक्तस्राव में लाभ होता है।अडूसी के पत्तों का 1 तोला (लगभग 12 ग्राम) रस रोज सुबह पीने से अथवा केले के फूल का 2 से 10 मि.ली. रस 1
एक नीबू का रस और 10-15 तुलसी के पत्तों का रस दोनों को अच्छे से मिलाकर फंगल इन्फेक्शन पर लगाए से अत्यंन्त लाभ होता हैं.हल्दी की जड़ का रस निकालकर फंगस के स्थान पर लगाए और तीन घंटे तक इसे लगा रहने दें फि
अण्डवृद्धिः 20 से 50 मि.ली. सोंठ के काढ़े (2 से 10 ग्राम सोंठ को 100 से 300 मि.ली. पानी में उबालें) में 1 से 5 मि.ली. अरण्डी का तेल डालकर पीने से तथा अरनी के पत्तों को पानी में पीसकर बाँधने से अण्डवृद
कितनी गुमनाम सी हो गयी है, जिन्दगी । लगता है, तुम्हारे नाम हो गयी है, ये ज़िन्दगी ।अपना तो, होशो-हवास न रहा । तुम्हारे ही ख्यालों में , गुजर रही है, ये ज
तुलसी के हरे पत्तों तथा काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर, बारीक पीसकर गुंजा जितनी गोली बनाकर छाया में सुखावें। 2-2 गोली तीन-तीन घण्टे के अन्तर से पानी के साथ लेने से मलेरिया में लाभ होता है।नीम अथव
लौंग (Laung or Clove)- लौंग फाइलेरिया के उपचार के लिए बहुत प्रभावी घरेलू नुस्खा है। लौंग में मौजूद एंजाइम परजीवी के पनपते ही उसे खत्म कर देते हैं और बहुत ही प्रभावी तरीके से परजीवी को रक्त से नष्ट कर
पैरों में सूजन अधिक वजन होने, ज्यादा देर तक बैठने या खड़े रहने, प्रेग्नेंसी, बढ़ती उम्र या सही से ना खाने-पीने की वजह से होती है. इसके अलावा एक्सरसाइज ना करने, कोई सर्जरी होने, डायबिटीज, हार्ट
शुगर बढ़ने के लक्षण क्या हैजल्दी थकान होनावजन कम होनाजादा प्यास लगनाबार बार पेशाब आनाघाव और चोट धीरे धीरे ठीक होना शुगर का इलाज के घरेलु उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे2 से 3 करेले लें और इस
किसी गांव में एक गड़रिया रहता था। वह लालची स्वभाव का था, हमेशा यही सोचा करता था कि किस प्रकार वह गांव में सबसे अमीर हो जाये। उसके पास कुछ बकरियां और उनके बच्चे थे। जो उसकी जीविका के साधन थे।एक बार वह ग
आप सभी से अनुरोध है कि रामायण के प्रमुख पात्रों की जानकारी अपने बच्चों को अवश्य दें, क्योंकि आज के समय में रामायण का पढ़ना पुराने समय की बात हो गई है। इसलिए बच्चे रामायण की बातें भूलते जा रहे हैं।ये जा