इसके ठीक बाद उत्तर प्रदेश से अलग होकर बने उत्तराखंड राज्य की धार्मिक नगरी हरिद्वार के चिन्मय डिग्री कालेज के पास लगने वाले साप्ताहिक पैठ बाजार में सार्वजनिक स्थल पर नमाज अदा कर रहे आठ लोगों का रानीपुर पुलिस ने शांतिभंग करने के आरोप में चालान कर दिया। हर सप्ताह यहां साप्ताहिक पैठ बाजार लगता है। गुरुवार दोपहर के वक्त किसी ने पुलिस को सूचना दी कि साप्ताहिक पैठ बाजार में आए लघु व्यापारी सार्वजनिक स्थल पर नमाज अदा कर रहे हैं। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने नमाज अदा कर रहे आठ लोगों को पकड़ लिया।
और इधर यूपी में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लखनऊ में बड़े यूपी के सबसे बड़े लुलु मॉल में नमाज पढ़ने की घटना के बाद चारबाग स्टेशन पर नमाज पढ़ने का मामला सामने आया. चारबाग स्टेशन परिसर में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद ही हिंदू महासभा ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। वीडियो शुक्रवार का बताया गया । जांच पड़ताल के दौरान पता चला है कि वीडियो चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर तीन का है।
15 जुलाई को हनुमान चालीसा पढ़ने के प्रयास में सरोज, कृष्ण कुमार पाठक, गौरव गोस्वामी और नमाज पढ़ने के प्रयास में अरशद अली के खिलाफ शांति भंग करने की कार्रवाई की गई थी। 16 जुलाई को दो युवकों को मॉल के पास नारेबाजी करने पर पकड़ा गया।
हिन्दू समाज पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं को शुक्रवार शाम लुलु मॉल में सुंदरकाण्ड का पाठ करने और हनुमान चालीसा पढ़ने की जिद करने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। साथ ही माल में नमाज अदा करने वाले एक युवक को भी पकड़ लिया गया था। इस कार्रवाई के बाद ही पुलिस ने मॉल की सुरक्षा बढ़ा दी थी। वहीं मॉल प्रबन्धन ने भी परिसर के अंदर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी थी। शनिवार दोपहर काफी संख्या में करणी सेना, अखिल भारतीय हिन्दू युवा मंच समेत कई हिन्दू वादी संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता लुलु मॉल पहुंचने लगे। अखिल भारतीय हिन्दू युवा मंच के संरक्षक आदित्य और अन्य पदाधिकारियों ने मॉल में हनुमान चालीसा पढ़ने को कहा। इस पर एडीसीपी दक्षिणी राजेश श्रीवास्तव ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया। इस पर बवाल बढ़ा तो और फोर्स बुला ली गई। प्रदर्शनकारियों में महिलायें भी थी।
और तब प्रदेश में बिगड़ती जा रही कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कदम उठाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'बार-बार लखनऊ प्रशासन से कहा गया कि जो अराजकता की स्थिति पैदा करने, सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का कुत्सित प्रयास हो रहा है, उसे गंभीरता से लेना चाहिए और किसी भी प्रकार की शरारत को स्वीकार नहीं करना चाहिए, जो अनावश्यक मामलों को बढ़ावा देकर माहौल को खराब करने का प्रयास करते हैं उनसे सख्ती से निपटना चाहिए. लखनऊ प्रशासन और पुलिस को सख्त हिदायत देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'सड़कों पर यातायात को बाधित कर किसी भी तरह की पूजा या कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, ऐसे लोगों से सख्ती से निपटना चाहिए.' लुलु मॉल विवाद पर सीएम योगी ने लखनऊ पुलिस को कार्रवाई करने की हिदायत दी है. ऐसे ही, हरिद्वार में भी प्रशासन द्वारा नमाज़ियों को सख्त ताकीद किया गया कि आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए.
ये तो हुई प्रशासनिक कार्यवाही, किन्तु धर्म और आध्यात्म से गहराई से जुड़े भारत वर्ष में इस तरह की घटनाएँ निंदनीय और ज्ञान की कमी ही कही जा सकती हैं. देश में जगह जगह नमाज़ खुले में पढ़ने की घटनाएँ सामने आ रही हैं और उसी रौ में हिंदू संगठनों द्वारा सुन्दर कांड पाठ और हनुमान चालीसा मस्जिदों के सामने पढ़ने की शास्त्र विसंगत कार्यवाही अमल में लाई जा रही है. जबकि अगर हम इन दोनों धर्मों के अनुयायियों द्वारा किए जा रहे इस कृत्य पर अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन करते हैं तो स्थिति यह नजर आती है -
कुरान के मुताबिक, नमाज बाथरूम और कब्र को छोड़कर किसी भी साफ जगह पढ़ी जा सकती है. मस्जिद का प्राथमिक उद्देश्य एक ऐसी जगह के रूप में सेवा करना है जहां मुसलमान नमाज के लिए एक साथ आ सकें. एक साथ नमाज पढ़ने को इस्लाम में खास महत्व दिया गया है और1994 के इस्माइल फारूकी मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी थी कि मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं. नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है. यहां तक कि खुले इलाकों में भी.
और हिन्दू धर्म के अनुसार - हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा के लिए उत्तर-पूर्व यानि ईशान कोण को सबसे उत्तम और शुभ माना गया है. ऐसे में घर में हमेशा इसी स्थान पर भगवान का मंदिर बनाकर पूजा करनी चाहिए. हिंदू धर्म में किसी भी देवी या देवता की पूजा में दिशाओं का बहुत महत्व होता है. ऐसे में अपने आराध्य से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए उनकी साधना हमेशा सही दिशा की ओर मुख करके पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करें.
हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी देवी-देवता की पूजा हमेशा स्वच्छ एवं पवित्र स्थान पर तन और मन से पवित्र होकर ही करना चाहिए. पूजा के लिए हमेशा उचित आसन का प्रयोग करना चाहिए और उस पर बैठकर कोई अन्य कार्य जैसे भोजन आदि नहीं करना चाहिए. देवी-देवता की पूजा करने के बाद आसन के नीचे दो बूंद जल गिराकर उसे माथे पर लगाना चाहिए और उसके बाद उस आसन को सही तरीके से एक उचित स्थान पर रखना चाहिए.
हिंदू धर्म में ईश्वर की पूजा के अंत में आरती का विधान है. मान्यता है कि देवी-देवताओं की पूजा में की गई कोई भी भूल या त्रुटि आरती करने पर दूर हो जाती है और साधक को ईश्वरीय साधना का पूरा फल प्राप्त होता है. ऐसे में देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद उनकी आरती भी की जाती है जिसमें प्रभु और माता की आरती के सामने आरती घुमाने के भी नियम बनाए गए हैं और उनकी परिक्रमा करने के भी.
ऐसे में, मात्र इस घटना से हिन्दू संगठनों का उबाल खाना कि गैर समुदाय के अनुयायी इस तरह अपने धर्म का अधिक प्रचार प्रसार कर लेंगे, यह कोरी नादानी ही कही जाएगी. हिन्दू धर्म एक शास्त्र सम्मत धर्म है और शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करना प्रत्येक हिन्दू धर्मावलंबी का धार्मिक कर्तव्य है. धर्म आज देशवासियों की सार्वजनिक जिंदगी में ऐसी नादानियों से लाया जा रहा है और ये नादानियां हमारे देश के युवाओं के भविष्य के लिए घातक हैं जिन्हें देखते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा समय रहते उचित दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं जिनका दोनों ही धर्मों के युवाओं द्वारा कठोरता से पालन करते हुए स्वयं को देश प्रदेश की तरक्की में सहयोग किया जाना चाहिए.
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)