लोग जिन्हें इंटरनेट की भाषा में ट्रोल कहा जाता है, प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ उन्हें फॉलो कर रहे हैं बल्कि उनकी 'प्रतिभा' को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं. कार्टूनिस्ट क्षितिज वाजपेई इसका सबसे ताज़ा उदाहरण हैं.
'आप एक बेहद प्रतिभाशाली कलाकार हैं.' ये शब्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक ऐसे कार्टूनिस्ट की तारीफ में कहे हैं जो लगातार महिलाओं के अश्लील और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले कार्टून्स बनाने के लिए जाने जाते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों चुनावी रैलियों में घूम रहे हैं. कार्टूनिस्ट क्षितिज वाजपेई ने उनकी ऐसी ही एक रैली की तस्वीर को एक स्केच की शक्ल में बदलकर रविवार को ट्वीट किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए क्षितिज का शुक्रिया करने के साथ ही उनकी तारीफ में लिखा, 'आप एक बेहद प्रतिभाशाली कलाकार हैं.'
ऐसे
जिन क्षितिज वाजपेई को हमारे प्रधानमंत्री 'बेहद प्रतिभाशाली कलाकार' कहकर प्रोत्साहित कर रहे हैं, उनकी ट्विटर की टाइमलाइन उनके बारे में बहुत कुछ कहती है. ये टाइमलाइन उनके बनाए ऐसे कार्टून्स से भरी पड़ी है जिसमें महिलाओं को बेहद भद्दे और आपत्तिजनक तरीके से प्रस्तुत किया गया है. साथ ही उनके अधिकतर कार्टून ऐसे हैं जो एक संप्रदाय विशेष के लिए नफरत पैदा करते हैं.
हाल ही में कठुआ में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए बलात्कार के बाद जब सारा देश आक्रोशित था और बॉलीवुड की कई हस्तियां भी इस बच्ची के लिए न्याय की मांग कर रही थी, तब क्षितिज वाजपेई इन प्रदर्शनकारियों के ही खिलाफ अपनी 'प्रतिभाशाली कला' का इस्तेमाल कर रहे थे.
इस दौरान उन्होंने एक कार्टून बनाया जिसमें लिखा था, 'मैं बॉलीवुड की एक वेश्या हूं और मैं गाज़ियाबाद के मदरसे में हुए गैंगरेप पर कुछ नहीं बोलूंगी.' इस कार्टून को क्षितिज ने 'बॉलीवुड प्रॉस्टीट्यूट' और 'बॉलीवुड स्लट' जैसे हैशटैग के साथ ट्वीट किया था.
महिलाओं और मुस्लिम समाज के खिलाफ नफरत फैलाने वाले दर्जनों कार्टून क्षितिज के ट्विटर अकाउंट पर आसानी से देखे जा सकते हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी की है. भाजपा विरोधियों पर तमाम अभद्र और अश्लील कार्टून भी क्षितिज लगातार बनाते रहे हैं. शायद यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी उनकी प्रतिभा के मुरीद हो गए हैं.
ये पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर किसी ऐसे व्यक्ति की तारीफ की है जो लगातार अभद्र, अश्लील और नफरत से भरी सामग्री पोस्ट करता हो. नरेंद्र मोदी ट्विटर पर जिन चुनिंदा लोगों को फॉलो करते हैं, उनमें कई लोग ऐसे ही हैं जो कभी महिलाओं के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखते हैं तो कभी भद्दी गालियां ट्वीट करते हैं.
ट्विटर पर नरेंद्र मोदी के करोड़ों फॉलोवर्स हैं लेकिन वे खुद सिर्फ दो हजार से भी कम लोगों को फॉलो करते हैं. इनमें कुछ तो देश-विदेश की जानी-मानी हस्तियां हैं लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जिनकी पहचान सिर्फ उनके आपत्तिजनक ट्वीट करने से ही बनती है.
ऐसे ही एक व्यक्ति निखिल दधीच भी हैं. ये वही हैं जिन्होंने पिछले साल पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या होने पर ट्वीट किया था कि, 'एक कुतिया कुत्ते की मौत क्या मरी सारे पिल्ले एक सुर में बिलबिला रहे हैं.'
तब यह मामला काफी चर्चित भी हुआ था और ट्विटर पर नरेंद्र मोदी को ब्लॉक करने के लिए कई कैंपेन भी चले थे. तमाम लोगों ने उनसे मांग की थी कि उन्हें निखिल दधीच जैसे लोगों को अनफॉलो करना चाहिए. लेकिन अनफॉलो करना तो दूर प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में कोई टिप्पणी या ट्वीट तक नहीं किया था.
वे आज भी ऐसे तमाम लोगों को ट्विटर पर फॉलो कर रहे हैं जो कभी पत्रकारों को गालियां देते हैं, कभी हत्याओं का जश्न मनाते हैं और अक्सर 'हिंदू राष्ट्र' की स्थापना की बातें करते हुए मुस्लिम समाज के खिलाफ नफरत फैलाते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी की ट्विटर पर जो संगति और व्यवहार है, उससे कई संदेश लोगों तक पहुंचते हैं. वे ट्विटर पर देश की सबसे लोकप्रिय हस्ती हैं और उनके एक-एक ट्वीट को लाखों-करोड़ों लोग देखते हैं.
उनका ट्विटर पर किसी की तारीफ करना या किसी को फॉलो करना सिर्फ नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत व्यवहार नहीं होता बल्कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री का व्यवहार भी होता है. लेकिन क्या नरेंद्र मोदी ट्विटर पर ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसा कि एक लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री को करना चाहिए?
कार्टूनिस्ट क्षितिज वाजपेई की तारीफ करके भी नरेंद्र मोदी ने एक संदेश दिया है. ऐसा संदेश जो उस प्रतिभा को प्रोत्साहित करता है जिस प्रतिभा से क्षितिज बॉलीवुड की नायिकाओं को वेश्या बताते हैं और मुसलामानों के खिलाफ नफरत फैलाते हैं.
ऐसे ही संदेश नरेंद्र मोदी कई जरूरी मुद्दों पर चुप्पी साधकर भी देते रहे हैं. उदाहरण के लिए, बीते दिनों जब कठुआ मामले को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे तो प्रधानमंत्री की इस मामले पर चुप्पी को लेकर भी कई सवाल उठाए गए. लेकिन हर छोटे-बड़े मुद्दे पर ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी बरकरार रखी.
यह चुप्पी उन्होंने लंदन जाकर तोड़ी जब प्रसून जोशी के साथ वार्ता में उन्होंने कहा कि बलात्कार जैसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. हालंकि वे खुद बलात्कार को चुनावी मुद्दा पहले भी बनाते रहे थे और इन दिनों अपनी चुनावी रैलियों में फिर से बना भी रहे हैं.
लेकिन कठुआ मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कोई ट्वीट नहीं किया. हां, अब उन्होंने कठुआ मामले में विरोध करने वाली महिलाओं को वेश्या कहने वाले कार्टूनिस्ट क्षितिज की तारीफ में ट्वीट जरूर कर दिया है.
ऐसे कई मामले बेहद चर्चित भी हो चुके हैं जब प्रधानमंत्री द्वारा फॉलो किये जा रहे लोगों ने बेहद आपत्तिजनक ट्वीट किये हैं. लेकिन ऐसे लोगों को कभी भी प्रधानमंत्री ने अनफॉलो नहीं किया. स्वाभाविक है कि इससे ऐसे लोगों का हौसला बढ़ता होगा. इनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने परिचय में ही यह लिखा है कि देश के प्रधानमंत्री उन्हें फॉलो करते हैं.
ऐसे लोग जब ट्विटर पर गालियां लिखते हैं तो क्या किसी पुलिस अधिकारी से यह उम्मीद की जा सकती कि वह इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की हिम्मत कर सकेगा? जिस व्यक्ति को गालियां लिखते हुए खुद प्रधानमंत्री देख रहे हो और फिर भी उसको फॉलो कर रहे हों, उस व्यक्ति की गालियों पर कोई साइबर सुरक्षा वाले क्या कार्रवाई करेंगे?
ऐसे तमाम लोग जिन्हें इंटरनेट की भाषा में ट्रोल कहा जाता है, प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ उन्हें फॉलो कर रहे हैं बल्कि उनकी 'प्रतिभा' को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं. कार्टूनिस्ट क्षितिज वाजपेई इसी का सबसे ताज़ा उदाहरण हैं.
( लेख क स्वतंत्र पत्रकार है.)
सोशल मीडिया पर नफ़रत फैलाने वालों को कब तक बढ़ावा देते रहेंगे प्रधानमंत्री मोदी! - The Wire Hindi