स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता हैं। हमारा शरीर एक साधन हैं और बिना किसी साधन के साध्य को पाना असम्भव होता हैं हमारा शरीर ही इस जगत में सक्रिय प्राणी के रूप में हमारे होने का पहचान हैं शरीर से ही हमारा इस दुनिया में अस्तित्व हैं बिना शरीर के हम अस्तित्व और कर्म विहीन हैं । इसलिए आवश्यक हैं कि हम अपने शरीर के प्रति जागरूक रहे और इसे स्वस्थ और रोग मुक्त रखे।। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक गतिविधियां अति आवश्यक हैं। इसके लिए हमें अपने कार्य और दिनचर्या पर ध्यान देना होगा। आजकल ऑनलाइन पढ़ाई और ऑनलाइन वर्क के कारण अधिकांश युवा आठ से नौ घंटा एक जगह एक स्क्रीन पर नजरें जमा कर बिताता हैं उसके बाद बचें हुए समय को मनोरंजन के नाम पर मोबाईल और टीवी के साथ बिताता हैं। जो हमारे शरीर के लिए बेहद हानिकारक है ही साथ ही हमारे मन और दिमाग़ पर भी बहुत अधिक नाकारत्मक प्रभाव डालता हैं। इससे एंगर इस्सू, चिड़चिड़ापन, तनाव, शारीरिक रोग रीढ़ कि हड्डीयों कि समस्या आम बात हो चुकी हैं।इन सारी समस्याओं से निपटने के लिए शारीरिक जागरूकता आवश्यक है। बचें हुए समय में शारीरिक गतिविधियां कि जैसे स्विमिंग, ड्रॉइंग, साईकिलिंग, ट्रैकिंग, जिम, आर्ट कुछ ना कुछ करना ही चाहिए। अगर मन ना लगे तो इंस्टिट्यूट में पहले ही पेमेंट कर दे.. जिससे वहाँ जाना ही पड़ेगा आखिर पैसे का सवाल हैं यूँ ही कोई बर्बाद नहीं करना चाहेगा। इससे केवल हमारा शरीर ही नहीं बल्कि हमारा मन और दिमाग़ भी स्वस्थ और संतुलित रहेंगे। आजकल के युवाओं को अपने मन और दिमाग़, शिक्षा और ज्ञान के साथ साथ शरीर के लिए भी जागरूकता जरुरी हैं। जागरूक रहे स्वस्थ रहें।