तरुण की कार दुर्घटना के बाद.....हेज़ल टूट चुकी थी ,उसे लग रहा था कि तरुण की मौत की वजह वो है ।। तरुण की मौत के बाद....अविनाश ने उसका ख्याल रखना शुरु किया ,विवाह तो दोनों का हो ही चुका था म
कांपते हाथों से सुरैया ने वो लकड़ी हाथ मे लेकर चिता को आग लगाई तब भी नर्स ने उसे थामे रखा जैसे ही चिता को आग लगाई और वह जलने लगी सुरैया की उदास आंखे एक बार फिर आंसुओ से भर गई नर्स ने उसे संभाला और
वहां ईधर उधर देखने पर भी कुछ नही दिखा तो इंस्पेक्टर वापस जाने को मुड़े तभी उनके पीछे से धीरे से आवाज आई इंस्पेक्टर सर... इंस्पेक्टर ने मुड़कर देखा पीछे वही नर्स खड़ी थी जो अक्सर सुरैया के साथ दिख
इंस्पेक्टर हॉस्पिटल में प्रवेश करने लगते है तभी.. अरे इंस्पेक्टर, आप इतनी रात गए कैसे आना हुआ - सामने से डॉक्टर अशोक सिंघल बाहर की ओर आते हुए कहने लगे आने से पहले एक खबर तो कर दी होती, हम आपके ल
उधर हॉस्पिटल में ..... सुरैया को होश आया तो डॉक्टर उसके पास ही बैठ गए और उसकी आंखो में देखकर कहने लगे "अब तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं, जब तक तुम पूरी तरह से ठीक नही हो जाती मेरी मर्जी के
मतलब ये की उसका घर वही कहीं आस पास होना चाहिए .. चलो चलते है... चारों को लॉकअप में बंद करके इंस्पेक्टर अपनी टीम लेकर निकलते है सुरैया का घर ढूंढने के लिए , हाईवे पर पहुंचकर पुलिस की गाड़ी रुकत
इंस्पेक्टर हॉस्पिटल से वापस थाने पहुंचे तब तक उन चारों अपराधियों का इलाज करवा दिया गया था उनके हाथ पैरो पर पट्टी और चेहरे पर भी कई जगह दवाई लगी थी उसकी हालत याद करके मुझे बार बार तुम पर गुस्सा आ
काफी देर तक उनपर यूं ही डंडे बरसाने के बाद भी जब इंस्पेक्टर का गुस्सा शांत नही हुआ तो सर ऐसे तो आप यहीं पर इनकी जान ले लेंगे - कॉन्स्टेबल ने कहा तो इंस्पेक्टर का ध्यान टूटा चारों बदमाशों के हाथ
थाने में इंस्पेक्टर (दिगेंद्र सिंह राठौड़) बैठे हुए कुछ सोच रहे थे कि तभी उनके सामने टेबल पर रखा फोन बजा हेल्लो इंस्पेक्टर दिगेंद्र राठौड़ स्पीकिंग हेल्लो सर हमने उन चारो बदमाशों को पकड़ लिया
अरे मदद करो इसकी जल्दी से हॉस्पिटल लेकर चलो - इंस्पेक्टर ने कहा तो बाकी कांस्टेबल दौड़ पड़े और उसे हॉस्पिटल में ले आए अब सुरैया हॉस्पिटल के आई सी यू में भर्ती थी जहाँ डॉक्टर उसका इलाज कर रह
तुम जो कहोगे मैं करने को तैयार हूं, बस मेरे पिताजी का अंतिम संस्कार करने में मदद करा दो मेरे पास तो कफ़न के लिए भी पैसे नही है - एक गाड़ी के रुकते ही सुरैया ने मरी आवाज में कहा गाड़ी वाला कुछ
सुरैया के पिता का निधन हो जाने के बाद उसका इस दुनिया मे कोई नही रह गया , उसके पास इतने पैसे तक नही थे कि अपने पिता के शव को कफ़न से ढक सके इकलौता घर होने के कारण किसी से मदद मिलने की संभावना भी नही
देवांक अपनी आप बीती सुना रहा था,,।
प्रेजेंट टाइम,,
रोहित ने हां में सर हिला दिया और कयना तुरंत ही वहां से चली गई।
अभिनेता मनोज बाजपेयी की प्रथम वेब सीरीज द फैमिली मैन अमेजान प्राइम पर रिलीज (the family man hindi news) की जा चुकी है। इस सीरीज के लिए मनोज बाजपेयी के फ्रेंड्स लम्बे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे। सामाजिक राजनीतिक मुद्दों पर आधारित इस एक्शन थ्रिलर सीरीज (hindi web series )
नेटफ्लिक्स ने ये उल्लेख किया है कि एक्टर शाह रुख खान और उनकी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट एक जोमबी हॉरर नामक सीरीज बेताल प्रोड्यूस करेंगे और अनुष्का शर्मा और उनकी ‘ क्लीन स्लेट फिल्म्स ‘ एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर होगी सीरीज ‘ माई ‘ की।यद्यपि शाहरुख खान को कुछ समय में एक अभिनेता क