मनाली की वादियों से हम सब बखूबी वाकिफ है। वहां पर घूमना फिरना हर किसी को पसंद है। पर शायद इस बात को बहुत ही कम लोग जानते हैं कि मनाली में एक ऐसी भी धार्मिक जगह है जहां पर बर्फ में भी पानी उबल रहा है। और ऐसा माना जाता है कि यह बर्फ में उबलता पानी शेषनाग के गुस्से का कारण है।
गुस्से से उबलता है पानी:
मनाली में एक जगह है जिसका नाम है मणिकरण। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव को बहुत ज्यादा क्रोध आ गया था वह उससे बचने के लिए शेष नांग ने एक दुर्लभ मणि यहां पर फेंक दी थी। अब यह क्यों फेंकी थी इसके पीछे बहुत ही अलग कथा है। मणिकरण एक बहुत ही सुंदर जगह है जहां पर भगवान शिव और माता पार्वती ने 11000 साल तक एक साथ तपस्या की थी।
क्या है मान्यताएं:
यह कथा कुछ इस प्रकार है कि जब माता पार्वती नहा रही थी तो उनके कानों के आभूषणों से एक दुर्लभ मणि पानी में गिर गई थी। भगवान शिव ने अपने सेवकों को आदेश दिया कि वह सब इस मनी को ढूंढ कर ले कर आए। पर सब असफल हो गए। जिसकी वजह से भगवान शिव बेहद क्रोधित हो गए जिसकी वजह से सभी देवता थर थर कांपने लगे। बस इसी गुस्से में आकर भगवान शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया। उस तीसरे नेत्र से एक शक्ति उत्पन्न हुई जिसका नाम नैना देवी पड़ा।
और उबलने लगा पानी:
नैना देवी जैसे उत्पन्न हुई तो उन्होंने देवताओं को बताया कि वह दुर्लभ मणि पाताल लोक में चली गई है। जो की अब शेषनाग के पास है। जब देवताओं ने शेषनाथ से मणि वापस मांगी।
तो शेषनाथ ने उनको और बाकी मणियों के साथ यह खास मणि भी वापस कर दी। जिसकी वजह से शेषनाथ भी बहुत नाराज थे। और उन्होंने उस मणि पर जोर से फूंक मारी जिसकी वजह से वहां से गर्म जल की धारा फुट कर बाहर आने लगी।