स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता हैं। हमारा शरीर एक साधन हैं और बिना किसी साधन के साध्य को पाना असम्भव होता हैं हमारा शरीर ही इस जगत में सक्रिय प्राणी के रूप में हमारे होने का पहचान हैं शरीर स
मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏 एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने युवाओं के विषय में समझाते हुए कहा था कि युवावस्था उत्साह,उमंग, कर्मठता, प्रयोग -धर्मिता और नवोन्मेष
जिस प्रकार हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर को संकेत प्रदान करता है और उसी के अनुरूप हमारा शरीर काम करता है वैसे ही अगर हम नकारात्मक वातावरण में रहे तो उसका सबसे पहला प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है और धीरे