Meaning of दानव in English
Articles Related to ‘दानव’
- दहेज दानव
- चैत्र नवमी
- दहेज रूपी दानव!
- समय से शक्तिशाली कोई नहीं,
- उफ ये समाज और बेटियाँ
- तू हर लम्हा
- शिव सहस्रनामावलि
- देव दानव
- दहेज दानव
- सब रावण के वंशज है
- बोल क़लम...
- मर्यादा :- आचार्य अर्जुन तिवारी
- शिव सहस्रनामावलि
- मानव (कविता)
- नारी शक्ति का दुरूपयोग
- “दोहे”
- राम और रावण युद्ध
- शिव सहस्रनामावलि
- भगवन की दुनिया
- दहेज़-दानव की काल-कटारी
- रक्तबीज के जैसे दानव
- दहेजरूपी दानव :*---- आचार्य अर्जुन तिवारी
- भयंकर होता दहेज का दानव ...
- "कुंडलिया"
- कश्मीरी पंडितो का नरसंहार*
- कोरोना काल और डायरी के पन्ने~
- प्रेम
- ।। यह हकीकत है।।it is true hindi poem
- किसका करें विश्वास अब
- वश्या
- अब नारी सम्मान की बात कहां करे ?
- सनातन धर्म की विशालता :--- आचार्य श्री अर्जुन तिवारी जी
- भूत और प्रेत : आचार्य श्री अर्जुन तिवारी जी
- जागौ साथियों
- तुम कौन हो?
- माता पिता :- आचार्य अर्जुन तिवारी
- दहेज का दानव
- डर बड़ा या दानव
- खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो आने दो रे आने दो, उन्हें इस जीवन में आने दो जाने किस-किस प्रतिभा को तुम गर्भपात मे मार रहे हो जिनका कोई दोष नहीं, तुम उन पर धर तलवार रहे हो बंद करो कुकृत्य – पाप यह, नयी सृष्टि रच जाने दो आने दो रे आने दो, उन्हें इस जीवन में आने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो जिस दहेज-दानव के डर से करते हो ये जुल्मो-सितम क्यों नहीं उसी दुष्ट-दानव को कर देते तुम जड़ से खतम भ्रूणहत्या का पाप हटे, अब ऐसा जाल बिछाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो बेटा आया, खुशियां आईं सोहर-मांगर छम-छम-छम बेटी आयी, जैसे आया कोई मातम का मौसम मन के इस संकीर्ण भाव को, रे मानव मिट जाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो चौखट से सरहद तक नारी फिर भी अबला हाय बेचारी? मर्दों के इस पूर्वाग्रह मे नारी जीत-जीत के हारी बंद करो खाना हक उनका, उनका हक उन्हें पाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो चीरहरण का तांडव अब भी चुप बैठे हैं पांडव अब भी नारी अब भी दहशत में है खेल रहे हैं कौरव अब भी हे केशव! नारी को ही अब चंडी बनकर आने दो खिलने दो खुश
- भ्रूण हत्या व देहज दानव
- ऐसे करे दहेज के दानव का नाश
- 2.0 trailer लॉन्च: चिट्टी और विशालकाय दानव आमने-सामने
- चुनाव, मेनिफ़ेस्टो और कुछ भी ।
- चुनाव , मेनिफेस्टो ,और कुछ भी
- हे रक्तदन्तिका
- हे कालिके कल्याणी
- भगवत्कृपा - भाग - ९८ (अट्ठानबे)
- राह..(एक चलती हुई कविता)
- पथ और परिणाम
- प्रदूषण मुक्त बनाए भारत
- हर हर गंगे
- विनाशकारी
- किस देवता के थे कितने और कौन-से पुत्र
- देवउठनी एकादशी तुलसी / विवाह
- शर्मनाक हादसा
- क्या हो रहा है?
- 👩🌾 👩🚀🤱🏻 नारी🧕👩⚕️👩🏻🎓
- दो जात
- मुक्तक
- गजल : ज्वालामुखी के फूल
- प्रेम क्या है?
- राक्षस / आतंकवादी :-- आचार्य अर्जुन
- तुलसी विवाह
- लालचवश गलत काम
- इस साल विमेंस डे का कलर पर्पल है, और वजह बड़ी इंट्रेस्टिंग है
- दहेज रूपी कोढ़
अक्षरों पर क्लिक करके अन्य शब्द देखें