क्या अब नारी सिर्फ देव लोक में ही
सम्मानित रह गई है ?
मां की कोख में हो
तब भ्रूणहत्या की बात सोचकर सहम जाती है.
गर दुनिया में आने का सौभाग्य पा जाए तो
तब अस्मत को लेकर जाती है सहम.
चढ़ती है डोली तब
दहेज जैसे दानव को देखकर जाती है सहम.
दुनिया में हो चाहे कितना भी धरम और करम
धरती पर जब तक अपमानित होगी नारी.
अधूरे ही रह जाएंगे सारे पाखंड.
शिल्पा रोंघे