भारत में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या काफी कम हो गई है इसका मुख्य कारण दहेज प्रथा ही है कुछ लोग दहेज प्रथा के डर से चाहते है कि उनके घर लड़कियां पैदा ही ना हो। अगर भविष्य में इस कुप्रथा पर काबू ना पाया गया तो हो सकता है कि लड़के वालों को ही शादी करने के लिए दहेज ना देना पड़े।
आए दिन समचार पत्र के पन्ने और समाचार चैनल में दहेज हत्या या फिर दहेज प्रताड़ना की खबरें सुनने को मिलती है। तब ज़हन में यही ख़्याल आता है कि हम क्या सचमुच उसी समाज का हिस्सा है जो तकनीकी रुप से काफी आगे बढ़ चुका है और मार्डन ख्यालों वाला होने का दावा करता है।
ये समस्या केवल अशिक्षित और निम्नवर्ग तक सीमित नहीं है बल्कि मध्यमवर्ग और उच्चवर्ग तक पैर पसार चुकी है। विवाह दो दिलों का मेल नहीं धन संपत्ति और दिखावे का खेल बन चुका है।
ऐसा कहा जाता है कि जितना शिक्षित और सेटल लड़का उस हिसाब से दहेज भी तय होता है प्रश्न ये उठता है कि अगर किसी के पास किसी चीज़ की कमी नहीं है तो फिर उनको क्यों दूसरों के सामने झुकना पड़ता है।
इस प्रथा के संबंध में तरह तरह के तर्क दिए जाते कि लड़की का रंग रूप अगर कम है तो दहेज देकर उसकी पूर्ती की जा सकती है क्या यह बात किसी लड़के पर लागू होगी क्या जो रंग रुप में कम हो और उसे सुंदर पत्नी मिल जाए तो क्या वो लड़की के परिवार वालों को दहेज देते है क्या ? तब समाज के मानदंड बदल जाते है। लड़के और लड़की का ये भेदभाव खत्म किए जाने की ज़रूरत है।
दहेज लेना कोई सम्मान की बात नहीं है लोगों ने उसे समाज में मान सम्मान का विषय बना लिया है कि जिसे जितना अधिक दहेज मिलेगा वह उतना ही सम्मानित होगा, लेकिन हकीकत ये है कि लेने वाले से ज्यादा देने वाले का दर्जा बड़ा हो जाता है। दहेज लेना और देना दोनों ही अपराध है।
दहेज प्रथा के लिए कहीं ना कहीं हमारा समाज भी जिम्मेदार है दहेज लोभियों का बहिष्कार होना चाहिए जो कि नहीं होता है उलट लोग ये जानने में दिलचस्पी लेते है कि किसको क्या मिला।
दहेज प्रथा के खिलाफ़ अब लड़कियों को खुद ही खड़ा होना होगा, अपने माता पिता से कहे कि उन्हें पढ़ाएं लिखाए और अपना करियर बनाने दे या फिर दहेज के पैसों को उपयोग अपना बिजनेस शुरू करने में लगाए ताकि वो आत्मनिर्भर हो सके ।
अपने बॉयोडाटा में भी ये बात लिख दे कि वो दहेज के खिलाफ है। अगर कोई लड़का दहेज की शर्त पर आपसे शादी करना चाहे तो उसे साफ मना कर दे सोचे कि वो आपके लिए बना ही नहीं है।
वधु पक्ष को भी अपनी तरफ से लड़के पर बंगला, कार और मंहगे गहनों का दबाव नहीं डालना चाहिए ताकि दहेज देने की नौबत आए। हो सकता है ऐसा लड़का ढूंढने में आपको वक्त लगे लेकिन ये नामुमकिन नहीं है। कई लोग बिना दहेज के भी शादी करके मिसाल कायम कर रहे है।