राजन्तमध्वराणां गोपामृतस्य दीदिविम् । वर्धमानं स्वे दमे॥ " हम गृहस्थ लोग दीप्तिमान्, यज्ञों के रक्षक, सत्यवचनरूप व्रत को आलोकित करने वाले, यज्ञस्थल में वृद्धि को प्राप्त करने वाले अग्निदेव के नि
जहरीली कर दी हवा, प्रतिदिन गरल मिलाय, कैसे-कैसे कर्म हैं, मानवता मिट जाए। (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
नदियों में घोला जहर, वन में लगाई आग, वो दिन अब न दूर हैं, कोसत रहियो भाग । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
काट दिए सब पेड़ औ, सब पर्वत दिए उखाड़, धरती का पानी सोखकर, मिट्टी भी दई उजाड़ । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
सृष्टि ने जो रच दिया, सब उसको रहे बिगाड़, तभी सृष्टि-दृग तीसरी, सब छन में करत कबाड़ । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
आइए आज हम भूकम्प के विषय में कुछ जानकारी आपके साथ साझा करते हैं।भूकम्प या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्
भूकंप, जिसे अक्सर प्रकृति माँ का प्रकोप कहा जाता है, प्राकृतिक आपदाएँ हैं जो अचानक आती हैं, अपने पीछे विनाश और त्रासदी छोड़ जाती हैं। ये भूवैज्ञानिक घटनाएँ तब घटित होती हैं जब पृथ्वी की पपड़ी
यह कहानी एक गाँव के एक छोटे से लड़के के जीवन के चरणों को दिखाती है, जिनमें उसे भूकम्प और त्रासदी से गुजरना पड़ता है। एक बार की बात है, एक भूकम्प गाँव को आक्रमण कर गया। गाँव में घरों की धड़कन बढ़ गई,
भूकम्प के आवाज़, भूमि का कराह, दरिया के तूफान से बढ़ कर है ये डराह। धरती हिलती है, जीवन के संघर्ष में, लोग भागते हैं, खो देते हैं अपने घर में। त्रासदी का सच, दर्द और आँसू, हर किसी का दिल दुखाकर य
भूकंप पृथ्वी की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक है, जिसके कारण व्यापक तबाही और जानमाल का नुकसान हो सकता है। जब पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स चलती हैं, तो यह बड़ी मात्रा में ऊर्जा छोड़ सकती है,
(प्राकृतिक आपदाओं का कारण और हम) भारत आज विकसित देशों से हाथ मिला रहा है ,और विकसित देश भी भारत के विकास में सहायता कर रहे हैं। पर भारत की आधी से ज्यादा जनसंख्या ,समस्याओं से जूझ रही है । हम अंग्रेजो
6 फरवरी 2023 का दिन तुर्की और सीरिया के लिये एक त्रासदी बनकर आया। एक के बाद एक लगातार आए भूकंप के झटकों ने इन दोनों ही देशों (विशेषकर तुर्की) को बुरी तरह प्रभावित किया। कुछ ही घंटों में हजारों लोग