### खुशी के मोतीखुशी के मोती होते हैं छोटे-छोटे, मन की गहराई में छुपे होते, हँसी के झरने से निकलते, दिल की मुस्कान में रचते-बसते।हर छोटी बात में छुपी होती खुशी, &
परवाह न कर, तमाशे तों होते ही रहेंगे ताउम्रतू बस यें ख्याल रख, कि किरदार बेदाग रहें
शब्द कम पड़ गए तेरी याद मे कमरे का कोना- कोना भरा पड़ा हैं तेरी खुशबू से कब दिन से रात और रात से दिन हो गया तेरी जुदाई मे दहलीज़ पर बैठ कर किया इंतजार और सजना तू आया ना एक भी बार अब तो काट लेंगे
जन्म मिला है क्या करेंगे इस संसार में सदा नही रहेंगे। किन राह पर चलना है पहले ये तय करना है कैसे भी हो काँटे हम श्वास श्वास हो जायेंगे जन्म मिला है क्या करेंगे। इस संसार में सदा नही रह
मनखे मनखे एक समान करीया गोरा के का भेद छोकरा अउ डोकरा के का भेद सबो ला दे हे मति समान मनखे मनखे एक समान। जात पात तो अलग हे त एमे घबराए के का बात सबे के माटी तो एक हे जो पोषण करके बचा
किसान है वो मेहनत की खाता है किसान है वो मेहनत की कठिनाई का सामना करता है, धूप, बर्फ, बारिश में भी अपने काम को निभाता है। खेतों में जो उनकी किल्लत है, वो कोई नहीं समझ सकता, हर दिन की
ढूंढा तुमको मैंने, यहाँ वहां न जाने कहाँ, कुछ लोगों से पूंछा, तेरे मिलने का ठिकाना, कुछ ठिकाने भी ढूंढे, जहाँ तुम मिला करते थे, जहाँ तुम मिला करते थे, वहां तुम मिले नहीं अरसो से, नए ठिकानों पर
कुछ अंदर है, कुछ बाहर है, कुछ मेरे भी, कुछ तेरे भी, कुछ यहाँ वहां, है बिखरा हुआ, कुछ कांच सा, टुटा हुआ कहीं, कुछ ताश सा, बिखरा हुआ कहीं, कुछ मातम सा, है छाया हुआ, कहीं हर्ष बिगुल, सा बजा
कुछ चोट लगीं, कुछ जख्म मिले, कुछ आह सहीं, कुछ राह चला, कुछ दूर चला, फिर भटक गया, भटका ऐसा, फिर मिला नहीं, न रही मिली, न खुद से मिला, जिन्दा था भी, या न था, ऐसा भी कुछ, एहसास न था, म
Welcome to Indore Escorts where you get the opportunity to meet your dream girl. Our website is designed to provide you with top class Indore escorts at reasonable rates. Indore is a place where y
जाते समय आज़ाद करने की बात कह गया था पर एक अलक्षित डोर थी एहसासों की, इतनी आसानी से कैसे टूटती... बँधी थी मैं एक परोक्ष बंधन से जो उससे... उसके पीछे पीछे मैं भी उसके घर पहुँची, वहाँ पड़ी हुई थी व
वो चला गया... मेरे कमरे में आया था कुछ पल सोफे पर बैठे बैठे ही आराम किया... फिर भरी आँखें और भारी आवाज से कहने लगा अपनी दर्द भरी दास्तान... मैं निस्तब्ध रही... फिर उसने एक सिगरेट सुलगाई, और उ
किसकी कमी जो मै लिखूंगा कौन सी गाठ पड़ गया जो कलम की स्याही बनकर उतर रहा है । अपूर्णता का भाव या अतीत का दमन जो नासूर बनकर उभरता तराजू सन्तुलन में नही किसी एक तरफ झुका रहता था बाजार में
मनी-प्लांट (1) क्या कर रही हो दादी? इस पौधे को क्यों तोड़ रही हो? क्या दिक्कत हो रही है इनसे तुमको? बोलती क्यों नहीं दादी? अपने पोते के एक के बाद एक प्रश्नों को अनसुना कर मिथलेश कुमारी अपने काम में
स नः पितेव सूनवेऽग्ने सूपायनो भव । सचस्वा नः स्वस्तये॥ हे गार्हपत्य अग्ने ! जिस प्रकार पुत्र को पिता (बिना बाधा के) सहज ही प्राप्त होता है, उसी प्रकार आप भी (हम यजमानों के लिये) बाधारहित होकर
राजन्तमध्वराणां गोपामृतस्य दीदिविम् । वर्धमानं स्वे दमे॥ " हम गृहस्थ लोग दीप्तिमान्, यज्ञों के रक्षक, सत्यवचनरूप व्रत को आलोकित करने वाले, यज्ञस्थल में वृद्धि को प्राप्त करने वाले अग्निदेव के नि
“सुना है तुम छुआछूत की समस्या पर कटाक्ष करता हुआ कोई नाटक करने वाले हो इस बार अपने स्कूल में”, संतोष भईया ने मुझसे शाम को खेलते समय पूछा, “और उस नाटक की स्क्रिप्ट भी तुमने ही लिखी है, बहुत बढ़िया”।
अ॒ग्निः पूर्वे॑भि॒र्ऋषि॑भि॒रीड्यो॒ नूत॑नैरु॒त। स दे॒वाँ एह व॑क्षति॥ ( ऋग्वेद मंडल १, सूक्त १, मंत्र २ ) प्रथम मंत्र में अग्नि की स्तुति क्यों करनी चाहिए, यह बताया गया था। द्वितीय मंत्र में उक्
ऋग्वेद को प्रथम वेद माना जाता है। ऋग्वेद में विभिन्न देवी–देवताओं के स्तुति संबंधित मंत्रों का संकलन है। ऋग्वेद के मंत्रों का प्रादुर्भाव भिन्न-भिन्न समय पर हुआ। कुछ मंत्र प्राचीन हैं और कुछ आध
यह कहानी एक मां की है जिसकी आखरी इच्छा पूरी नहीं हो पाई। एक छोटे से गांव में एक नीलम नाम की औरत रहती थी। उसका एक बेटा था जिसका नाम नवीन था। नीलम एक विधवा औरत थी। उसके पति का हार्ट अटैक आने की वजह स