यह कहानी एक गाँव के एक छोटे से लड़के के जीवन के चरणों को दिखाती है, जिनमें उसे भूकम्प और त्रासदी से गुजरना पड़ता है।
एक बार की बात है, एक भूकम्प गाँव को आक्रमण कर गया। गाँव में घरों की धड़कन बढ़ गई, और त्रासदी की स्थिति बिगड़ गई। इस त्रासदी में बच्चे बिल्कुल बेहाल हो गए।
हमारे छोटे से निर्णयक ने देखा कि उसके पास दो विकल्प हैं। पहला विकल्प था कि वह भागकर अपनी जिंदगी को बचा सकता है, लेकिन गाँव के लोगों को अकेला छोड़कर। दूसरा विकल्प था कि वह गाँववालों की मदद कर सकता है, लेकिन खुद को भी जोखिम में डालेगा।
वह अपने दिल की सुनते हुए दूसरे विकल्प को चुनता है। उसने गाँववालों के साथ मिलकर मदद की और साथ ही उन्हें मानसिक रूप से भी साहस दिया।
धीरे-धीरे, गाँव की स्थिति सुधारने लगी, और छोटे से निर्णयक ने दिखाया कि एक व्यक्ति की साहस और समर्पण से उनकी जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है, चाहे वो भूकम्प या त्रासदी हो।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन की उलझनों में भी हमारे सहानुभूति और समर्पण से हम खुद को और दूसरों को मदद कर सकते हैं, और इससे हमारे जीवन को महत्वपूर्ण और सार्थक बना सकते हैं।