हर भारतीय की शक्ति है हिन्दीसहज सरल अभिव्यक्ति है हिन्दीन परिचय की मोहताज़ है हिन्दीभाषाओं की सरताज़ है हिन्दी।जन जन की आवाज़ है हिन्दीमीठे सुर की साज़ है हिन्दीसात सुरों की ताज है हिन्दीहम सबकी ये नाज़ है
भारत अविश्वसनीय विविधता की भूमि है, जहां विभिन्न पृष्ठभूमियों, संस्कृतियों और भाषाओं के लोग एक साथ आकर परंपराओं और मान्यताओं की एक जीवंत छवि बनाते हैं। जबकि अंग्रेजी ने एक वैश्विक भाषा के रूप में प्र
जिस तरह मेरी मां मुझे ममता लुटाती है।जिस तरह वह मुझे अपने शब्दों का आभास कराती हैमेरी मां की बोली के अमृत वचनों को मातृभाषा चाहता हूं।हिंदी के लफ्ज़ और अल्फाजों का मां बनाकर सजाना चाहता हूं।।राजभाषा ह
जिस तरह मेरी मां मुझे ममता लुटाती है।जिस तरह वह मुझे अपने शब्दों का आभास कराती हैमेरी मां की बोली के अमृत वचनों को मातृभाषा चाहता हूं।हिंदी के लफ्ज़ और अल्फाजों का मां बनाकर सजाना चाहता हूं।।राजभाषा ह
मातृभाषा वो भाषा होती है जिसे कोई व्यक्ति अपने जीवन की प्रारंभिक दिनों में सीखता है और जिसे वह सबसे अच्छी तरह से समझता है। हिंदी भाषा भारत की मुख्य और मातृभाषा है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्
परिचय भाषा हमारी सांस्कृतिक पहचान के सार के रूप में कार्य करती है, एक शक्तिशाली माध्यम जो पीढ़ियों के बीच के अंतर को पाटती है और हमारी विरासत को संरक्षित करती है। भारत भर में बोली जाने वाली विव
मातृभाषा भाषा का वह रूप है जो एक बच्चा अपनी माँ से ,पड़ोस से ,किसी विशेष क्षेत्र या समाज से सीखता है |-NCERT मातृभाषा अर्थात माता की भाषा वह भाषा जिसे मनुष्य जन्म के साथ ही सीखना शुरू कर देता है |
मस्तक मध्य चमकती गर्व से हमारा मान रखती भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी। दुनिया में इतिहास रचा हिन्दी हाय रे हाय हाय हिन्दी,जैसे हो माथे की बिन्दी। मेरे भावो की अभियक्ति माँ की तरह पोषण करती
हिंदी सिर्फ भाषा नहींतेरी मेरी पहचान है हिंदी वह फूल हैजिससे महका हिंदुस्तान है।हिंदी देवों की वाणी है हिंदी भारत की पहचान हैहिंदी विश्व का गौरवसबका आत्माभिमान है।हे मानव नादान!हिंदी को अपना
**मातृभाषा हिंदी: एक महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर** मातृभाषा हिंदी ने भारतीय सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का महत्वपूर्ण स्तर पर योगदान किया है। यह एक महत्त्वपूर्ण और सुंदर भाषा है जिसे भारत की मातृ
मातृभाषा हिंदी की महत्ता को समझने के लिए हमें सिर्फ एक भाषा के रूप में नहीं, बल्कि एक संस्कृति और गरिमा के प्रतीक के रूप में देखना चाहिए। हिंदी भाषा ने भारतीय सभ्यता के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिक
जब सूरज की किरणें छूने लगतीं धरा, और भाषा वो हो जाती है मातृभाषा हमारा। बचपन की वो मिठास और उसकी गर्माहट, माँ की गोदी की लोरियों का वो संगीत। जब सब भूल जाते हैं ये सारे वार्ता, बस वो है जो जीवन
आज 14 सितंबर को हिंदी दिवस हम हर वर्ष मनाते हैं। हिंदी हमारी मातृभाषा है यह भाषा है जो मां के समान हमारा पालन पोषण करती है। इसे सुनकर बोलकर हम बड़े होते हैं हम दूसरों के साथ बातचीत करते हैं। यह
जब सूरज छुप कर जाता है पश्चिम, समय का परिवर्तन होता है सुन्दर, रात का पहरा ढल जाता है समीर, और धरती पर आती है शांति का मोमेंट। चाँद आकाश में चमकता है नया, नक्षत्रों की ख़ुशबू फैलती है आसमां, रात