हर भारतीय की शक्ति है हिन्दी
सहज सरल अभिव्यक्ति है हिन्दी
न परिचय की मोहताज़ है हिन्दी
भाषाओं की सरताज़ है हिन्दी।
जन जन की आवाज़ है हिन्दी
मीठे सुर की साज़ है हिन्दी
सात सुरों की ताज है हिन्दी
हम सबकी ये नाज़ है हिन्दी।
वर्णों की श्रृंगार है हिन्दी
काव्य का अलंकार है हिन्दी
शब्दों का भण्डार है हिन्दी
अहसासों का अम्बार है हिन्दी।
खेतों और खलिहान में हिन्दी
मंगल गीतों का गान है हिन्दी
शहरों और है गाँव में हिन्दी
एक शीतल सी छाँव है हिन्दी।
भारत माँ का मान है हिन्दी
हिन्दुस्तान की पहचान है हिन्दी
हिन्द का गौरव गान है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी।
©प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
ग्वालियर (म.प्र.)🇮🇳