मैं सुन्दर नहीं हूँ 'आज घंटों से आइने में खुद को निहार रही थी अंशिका, कभी अपनी आँखों को देखती, कभी अपने गालों को, कभी होंठो को तो कभी नाक को। 'अरे! क्या घंटों से आइने में निहार रही हो अंशी', माँ ने जोर से आवाज लगायी। अंशिका माँ के
होंठ बहुत ही संवेदनशील होते हैं, हर मौसम का इस पर प्रभाव पड़ता है । मौसम के प्रभाव से ही होंठ फटते हैं, जाड़े के दिनों में कुछ ज्यादा ही प्रभाव पड़ता है । हॉट फटने से हसने बोलने में परेशानी तो होती है, पर देखने में भी अच्छा नहीं लगता है । होंठो के फटने का कारण ठंडा मौसम, विटामिन ए तथा विटामिन बी की
चमड़ी का रंग भले ही काला या साँवला हो,,,,मुस्कुराहट का रंग हमेशा ही खूबसूरत होता है ।।।।#दिVयाअम्बेDकर
काले-लंबे घने बाल (हृर्ली के बालों की वृद्धिए सफेद बाल रोकना, बालों §ýह्न झडÂह्नह्नएरोकना, रूसी डेन्ड्रफ) योगोपचार:-जलधौती, उषःपान, शीतली, सित्कारी, चंद्रस्वर से भस्त्रिका, भूजंगासन, शलभासन, विपरीतकरणी, सर्वांगासन, मत्स्यासन, शशांकासन, सूर्यनमस्कार, शीर्षासन, कपालभाति, भ्रामरी, अनुलोम-विलोम, ओंकार स