प्यारी दिलरुबा
दिनांक-21/8/22
दिन-रविवार
प्यारी दिलरूबा कैसी हो तुम,,,, अरे मैं भूल जाती हूं तुम जवाब कहां दोगी,,, जो कुछ बताना होता है वह तो मुझे ही बताना होता है अपनी दिलरुबा को,,,,।
तो सुनो प्यारी दिलरुबा आज हम अपने आधुनिक भारत के विषय में बात करेंगें,,,।
आज़ादी को 75 वर्ष हो गए हैं और तब से हमने निरंतर उन्नति और प्रगति की है,,,, आज हमें पहले के मुका़बले कितना आगे निकल चुके हैं,,,, आधुनिक संसाधन और आधुनिक विचारों के साथ हम कह सकते हैं कि आज हम आधुनिक भारत में रह रहे हैं,,,।
इस आधुनिकता की होड़ में हमने बहुत कुछ खोया भी है पर आज हम उसकी बात नहीं करेंगे बिल्कुल नहीं,,, दिलरुबा मैंने अपने आधुनिक भारत के विषय में कुछ कहने का प्रयत्न किया है देखिए कुछ पंक्तियां आधुनिक भारत पर,,,,।
जबसे मिली है आज़ादी रुके नहीं है हम
किस तरहां करें प्रगति कर रहें हैं प्रयत्न
आन बान पर इसकी दिल हमारा कुर्बान
ख़त्म करके रुढियों को बनाना महान है
अब आधुनिकता के मार्ग पर चल रहे हम
पीछे मुड़कर नहीं देखना कर रहें हैं जतन
आज छोटी जगह में बड़े बड़े मॉल खुल रहे हैं
स्कूल कॉलेज भी आज गांव गांव में हो गए हैं
डिजिटल इंडिया का है आज बोल बाला
देखो पहले से कितना आगे निकल गए हम
गांव गांव में बिजली गैस का कंनकशन
हर हाथ में मोबाइलहर घर में टेलीविजन
अब मैटरो का ज़माना समय नहीं गंवाना
जहाज़ उड़ातीं बेटियां नहीं पैरों में बेड़ियां
अब घर घर शौचालय खुशहाली का समां
ख़त्म मुश्किलें आधुनिकता का है ज़माना
विचार भी हमारे अब काफी बदल रहे हैं
आधुनिक भारत में क्योंकि हम यह रहे हैं
जबसे मिली है आज़ादी रुके नहीं है हम
किस तरहां करें प्रगति कर रहें हैं प्रयत्न
कर रहें प्रयत्न,,,,,,,,
आज के लिए बस इतना ही कल फिर आऊंगी कुछ नई पुरानी बातें लेकर,,,।
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
---------------🌹🌹🌹-------