दिलरुबा-डायरी
11/8/2022
दिन - गुरुवार
कवि की इन पंक्तियों द्वारा मैं आपसे कहना चाहती हूं,,,
आओ बनाएं पुल कोई अपने ही आसपास
अरसा हुआ है हमको आप से कटे हुए,,,।
प्यारे फॉलोअर्स साथियों दोस्तों,,, आप सब को मेरा बहुत बहुत आदाब व नमस्कार,,🙇🙇
यूं तो मैं शब्द.इन से उस समय से जुड़ी हुई हूं जब शब्द . इन एक अधखिली,, कली के रूप में,, अपनी सुंदर छटा बिखेर रहा था,, पर किन्हीं कारणवश कुछ महीनों से मैं शब्द पर सक्रिय नहीं थी,, पर अपडेट द्वारा मुझे मालूम हुआ,,, के वह अधखिला कुसुम अपने पूरे शबाब में पहुंचकर,,,,,तमाम प्रतियोगिताओं द्वारा चारों दिशाएं महका रहा है,,, और दिन प्रतिदिन प्रगति के पथ पर अग्रसर है,,,,,,,,, जिसके लिए मैं शब्द की तमाम टीम को बधाई देना चाहती हूं,,,,,,।
और एक बार फिर से शुरुआत कर रही हूं शब्द पर अपनी रचनाएं प्रकाशित करने की,,,,,,,,,,,,, अपने विचारों को साझा करने के लिए डायरी से अच्छा और कोई माध्यम हो ही नहीं सकता तो शुरुआत कर रही हूं मैं आज,,,,,, अपनी डायरी दिलरुबा के साथ,,,साथियों आप सब का सहयोग और समीक्षाएं मेरी लेखन की ताक़त है,,,।
तो प्लीज़ प्लीज़ अपना साथ और अपना प्यार बनाए रखें,,, ।
और इसकी शुरुआत के लिए रक्षाबंधन से अच्छा दिन और क्या हो सकता है,,,,, तो आप सभी को,, मेरी और मेरी दिलरुबा की तरफ से रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाएं और बधाइयां,,।
हां एक बात बताती चलूं आपको,,,,,,,,, मेरी दिलरुबा को पुराने गानों का बहुत शौक़ है तो इसलिए तैयार हो जाइए हर रोज़ पढ़ने के लिए किसी ना किसी पुराने गाने की एक दो लाइने,,,,,, मैं अपनी दिलरुबा और आपके लिए ज़रूर लेकर आऊंगी दिलरुबा डायरी में,,, जी आपने बिल्कुल सही समझा मेरी डायरी का नाम है दिलरुबा,,,।
अब कुछ थोड़ा सा अपने विषय में,,, टीचिंग प्रोफेशन से जुड़ी हूं,,, यूपी की रहने वाली हूं पर अब मेरा निवास स्थान उत्तराखंड है,,।
आज के लिए बस इतना ही कल फिर मिलूंगी कुछ कही अनकही बातों के साथ,,, अंत में मेरी दिलरुबा आपसे कहना चाहती है,,,
भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे छोटी बहना को ना भूलाना
भैया मेरे,,,,,,,💗💗🙏🙏
सय्यदा खा़तून ✍️
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