स्वतन्त्रता दिवस
15/8/2022
दिन-सोमवार
आज़ाद है हम आज़ाद वतन
अपना तन-मन इसको अर्पण ,
आज़ाद हैं हम आज़ाद वतन
दिलरुबा आज 15 अगस्त है और यह दिन हर भारतवासी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है आज के ही दिन हमारा देश गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर स्वतंत्र हुआ था,, इसलिए हर भारतवासी आज के दिन को बड़े उत्साह और प्रेम के साथ मनाता है,, और इस बार तो हम स्वतंत्रता की75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं,,।
इसलिए घर-घर झंडा और हर घर झंडा देखने को मिल रहा है मन में जोश उत्साह और उमंग हिलोरे ले रहा है ,,,, गर्व है हमें अपने आजाद देश पर,, किंतु यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली है इसमें कुर्बानियां शामिल है हमारे पूर्वजों की,,,
इस लिए आज़ादी का जश्न मनाते समय हमें हरगिज़ नहीं भूलना चाहिए ,,, अपने उन पूर्वजों को जिन्होंने देश को आज़ाद कराने के लिए,, अपना लहू बहाया था,,,और आज इसी आज़ादी की रक्षा करने के लिए सरहद पर हमारे देश के जवान हर परिस्थिति में डटे रहते हैं,,, और हज़ार कष्ट सहकर भी देश की रक्षा करते हैं,,, और उनका जज़्बा देखकर मनसे अनायास किसी की लिखी यह पंक्तियां निकलने लगती है,,,
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़,
मिटा सकते नहीं सर कटा सकते हैं
लेकिन सर झुका सकते नहीं,,,।
यह आज़ादी हमें विरासत में मिली है पर इसकी रक्षा करना हम सब का परम कर्तव्य है,,,।
और यही वजह है दिलरुबा आज हर भारतवासी की यही मनोकामना है,,,उसके दिल की आवाज़ है,,, आओ दिलरुबा हम भी क़सम खाते हैं,,,,,
आज़ादी की कभी शाम ना होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे,
बची है लहू की एक बूंद भी रगों में तब तक,
भारत मां का आंचल नीलाम ना होने देंगे,,,,।
ऐ मेरे वतन ऐ मेरे वतन,
तुझ पर कु़र्बान तन मन धन
ऐ मेरे वतन ऐ मेरे वतन,,,
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳जय हिन्द जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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