इन दिनों पूरे देश में हमारी स्वत्रंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर उसे 'अमृत महोत्सव' के रूप में मनाने की धूम मची हुई है। यह महोत्सव विविध उद्देश्य पूर्ति के लिए देश भर में मनाया जा रहा है। जहाँ एक ओर अंग्रेजों से भारत को स्वतंत्र कराने के लिए जिन माँ भारती के लालों ने अपना बलिदान दिया है, उन्हें याद करते हुए आज की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता के महत्व बताने के लिए इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है वही दूसरी ओर देशभर में प्रदेश सरकारों द्वारा जन-भागीदारी से पौध-रोपण के लिए विशेष अभियान आरंभ करते हुए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। प्रदेश सरकारों का जन-भागीदारी के साथ आरंभ प्रकृति-संरक्षण का कार्य निश्चित रूप से अनुकरणीय पहल है। क्योँकि सभी जानते हैं कि पेड़-पौधे मानव जाति के लिए ही नहीं,अपितु भू-मंडल के समस्त जीव-जंतुओं के लिए भी जीवन स्रोत हैं।
आओ हम सब देश की आजादी के अमृत महोत्सव में अपनी हिस्सेदार सुनिश्चित करने के लिए स्वत्रंत्रता दिवस पर तिरंगा क्रय कर गर्व और गौरव के साथ अपने घर-मोहल्ले में ध्वज फहराने का संकल्प करें और अपने रिश्तेदार या परिचितों के जन्मदिन दिवस, विवाह वर्षगांठ, गृह प्रवेश जैसे अवसरों पर उन्हें पौधे भेंटकर उन्हें प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रेरित करें।