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सनातन धर्म की महानता

21 अगस्त 2022

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धार्मिक विचार दृटि से ईश्वर, देवी-देवता, देव-दूत (पैगम्बर) आदि के प्रति मन में होने वाले विश्वास तथा श्रद्धा के आधार पर स्थित कर्त्तव्यों, कर्मों और धारणाओं को, जो भिन्न-भिन्न जातियों और देशों में अलग-अलग रूप में प्रचलित हैं और जो कुछ विशिष्ट प्रकार के आचार तथा दर्शन शास्त्र पर आश्रित होते हैं, उन्हें धर्म कहा जाता है। जैसे - हिन्दू धर्म, इस्लाम धर्म , ईसाई धर्म आदि।
हमारा हिन्दू धर्म सनातन धर्म है। इसे ईश्वरीय धर्म भी कहते हैं।  इसकी महानता अपरम्पार है।  यह सृष्टि का आदि धर्म होने के नाते सनातन धर्म कहलाता है। यह सर्वाधिक उदार और समन्वयशील धर्म है।  यह प्रकृति और मनुष्य की एकात्मकता का धर्म हैं।  हमारे हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में इसे मानव की आत्मा माना गया है, जिसका सम्बन्ध हृदय से हैं।  इसे आध्यात्मिक अवस्थाओं का परीक्षक और निरीक्षक मानते हुए सृष्टि की उत्पत्ति के नियमों का नियन्ता निरूपित किया गया है। धर्म के बारे में संस्कृत में कहा गया है कि-" धारयति इति धर्म:" अर्थात जो धारण करता है, वह धर्म है।  इसके साथ ही इसे 'धारणा द्धर्ममित्याहु धर्माद्धार्यते प्रजा: इति धर्म:' धर्म सम्पूर्ण जगत को धारण करता है, इसलिए इसका नाम धर्म है।  धर्म ने ही समस्त प्रजा को धारण कर रखा है, क्योंकि यही चराचर प्राणियों सहित त्रिलोक का आधार बताया गया है।
हमारे सनातन की मान्यता है कि ब्रह्माण्ड के कण-कण में ईश्वर व्याप्त है। जीवात्मा ईश्वर का अंश है, जिसका पुनर्जन्म भी होता है।  वेद हमारे ज्ञान के भंडार और अनुभव सिद्ध धर्म के दृष्टा हैं।  चार वर्ण, चार आश्रम, चार पुरुषार्थ, सोलह संस्कार और शाश्वत नीति तत्व अहिंसा, सत्य आदि हमारे धर्म के प्राण हैं।  यहाँ वामदेव, बुद्धदेव, ज्ञानदेव जैसे असंख्य सत्पुरुष हैं। जहाँ अनेक सामाजिक व वैयक्तिक संस्थाएं, संस्कार और आचार-यज्ञ, आश्रम, गोरक्षा आदि के विचार हैं तो योग विद्या आत्मनिग्रह का वैज्ञानिक उपाय हैं तो जीवन और धर्म की एकता के लिए कर्मयोग भी हैं।  इसका साधनापक्ष इतना व्यापक है कि यहाँ आस्तिक हो या नास्तिक, भावुक हो या बौद्धिक, प्रतिक्रियावादी हो या क्रांतदर्शी सभी के लिए कोई-न-कोई मार्ग है। इसलिए यह सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों दृष्टि से संसार का सर्वाधिक सम्पन्न धर्म है।
हमारा सनातन धर्म प्रकृति की सतत परिवर्तनशीलता की भांति ही विकासमान धर्म रहा है, तभी तो जड़ता इसके प्रवाह को कभी अवरुद्ध कर विचलित नहीं कर सकी।  एक ग्रन्थ प्रत्येक युग और भूमण्डल के लिए सर्वथा उपयुक्त नहीं रह सकता।  इसलिए हमारे सनातन धर्म में युगानुरूप स्पष्टीकरण हुए, मान्यताएं मिली, सिद्धांत स्थापित हुए।  वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण, महाभारत, रामचरितमानस इसी तथ्य के प्रमाण हैं।  
हमारा सनातन धर्म जीवन जीने की एक कला है, जो ज्ञान को आचरण से जोड़ने की सतत प्रक्रिया है।  यह वर्तमान जीवन-मूल्यों के लिए कल्याणकारी और मंगलंमय है।  इसकी प्राणवत्ता, अजर-अमरता का रहस्य इसकी उदार प्रकृति और समवन्य प्रवृति है। यह सर्व कलयाणकारी है, मंगलमयी है।  यहाँ एक जाति, धर्म या राष्ट्र की मंगल-कामना नहीं, अपितु 'वसुधैव कुटुम्बकम' मानकर चराचर के जीव-जगत की मंगलमय कामना की गई है -
सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःख भागभवेत।। . .
काव्या सोनी

काव्या सोनी

Behtareen prastuti bahut badhiya tarike se is visay ke bare me likha aapne mem👌👌👌

22 अगस्त 2022

Dharmendra Kumar manjhi

Dharmendra Kumar manjhi

बहुत अच्छे से बताया है आपने सनातन धर्म के बारे में .......................... यह सभी जानते हैं कि हमारा हिन्दू धर्म सनातन धर्म है, हमें इसपर अभिमान होना चाहिए, तभी तो राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी कहते हैं - "धर्म अपनी संस्कृति का अभिमान, करो सदा हिन्दू संतान। सब आदर्शों की वह खान, नर-रत्नत्व करें दान।।"

21 अगस्त 2022

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रचनाएँ
लोक पर्व व सामयिक चिंतन (दैनन्दिनी-अगस्त, 2022)
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इस माह की दैनन्दिनी में आपको विविध विषयों के अंतर्गत जहाँ एक ओर हमारे सामाजिक चिंतन में मित्रता और आज़ादी के गर्व और खेलों के महत्व को समझने-पढ़ने को मिलेगा वहीँ दूसरी ओर सनातन धर्म की महानता के साथ ही लोक जीवन में रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस और गणेशोत्सव जैसे लोक पर्वों की झलक देखने को मिलेगी। इसके साथ ही आपको देश व समाज में फैली जातिगत, शरणार्थी, सांस्कृतिक बहिष्कार, भड़काऊ भाषण व जल संरक्षण जैसी समस्याओँ का सामयिक चिंतन पढ़ने और विचार करने को मिलेगा।
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मित्रता के मायने

3 अगस्त 2022
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आज का समय आभासी दुनिया में डूबी दोस्ती–यारी का है। आज दुनिया में एक दिन फ्रेंडशिप डे का हो-हल्ला मचाकर दोस्त बनाने का समय है, जो साल भर में एक दिन आकर हमें भूले-बिसरे, नए-पुराने दोस्तों की याद दिलाता

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आज़ादी के गर्व का महोत्सव

4 अगस्त 2022
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  इन दिनों पूरे देश में हमारी स्वत्रंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर उसे 'अमृत महोत्सव' के रूप में मनाने की धूम मची हुई है। यह महोत्सव विविध उद्देश्य पूर्ति के लिए देश भर में मनाया जा रहा है।  जहाँ ए

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काल विश्व का स्वामी है

5 अगस्त 2022
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संत कबीर जी कहते हैं कि- "  काल करे सो आज करै, आज करे सो अब । पल में परलय होएगी, बहुरि करैगो कब।।" अर्थात कल का नाम काल है, इसलिए मनुष्य को जो भी काम करना है, उसे कल पर नहीं टालना चाहिए।  क्योंकि क

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दोस्ती-यारी के मायने

6 अगस्त 2022
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दोस्ती एक अनमोल गहना है। इस बारे में विचार करने से पहले हमें दोस्ती क्या है, दोस्त कौन है, कैसा है, इसे अनिवार्य रूप से परखने और समझने की  आवश्यकता है। बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि हमें अपने मित्रों का

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मित्र के घर का रास्ता कभी लम्बा नहीं होता है

7 अगस्त 2022
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मित्र के घर का रास्ता कभी लम्बा नहीं होता है।। मित्रों का भला करने वाला अपना भला करता है।। बिना विश्वास कभी मित्रता चिर स्थाई नहीं रहती है। मैत्री में महज औपचरिकता अधूरेपन को दर्शाती है।। दूसर

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खेलों का महत्व

8 अगस्त 2022
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मेरे मत से समय बिताने के लिए, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तथा मन को सुदृढ़ करने के लिए जिन खेलों को खेलने के लिए राष्ट्रमंडल देश मिलकर आयोजन करते हैं, उसे कॉमनवेल्थ गेम्स कहना उचित होगा। इंग्लैंड के बर्

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भाई-बहन का स्नेहिल बंधन है रक्षाबंधन

10 अगस्त 2022
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          हमारी भारतीय संस्कृति में अलग-अलग प्रकार के धर्म,  जाति,  रीति,  पद्धति,  बोली, पहनावा, रहन-सहन के लोगों के अपने-अपने उत्सव, पर्व, त्यौहार हैं,  जिन्हें वर्ष भर बड़े धूमधाम से मनाये जाने क

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पावन पर्व रक्षाबंधन आया है

11 अगस्त 2022
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रिमझिम सावनी फुहार-संग पावन पर्व रक्षाबंधन आया है घर-संसार खोई बहिना को मायके वालों ने बुलाया है   मन में सबसे मिलने की उमंग धमा-चैकड़ी मचाने का मन है पता है जहाँ सुकूं भरी जिंदगी  वह बचपन

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स्वतंत्रता आन्दोलन में साहित्यकारों की भूमिका

15 अगस्त 2022
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यह सभी जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ। यह हमारे राष्ट्रीय जीवन में हर्ष और उल्लास का दिन तो है ही इसके साथ ही स्वतंत्रता की खातिर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों का पुण्

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स्वतंत्रता आंदोलन के नायक

16 अगस्त 2022
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अंग्रेजों की अन्यायपूर्ण, विश्वासघाती और अपमानजनक, राज्य-विस्तार की नीतियों के साथ ही भारतीय और अंग्रेज सैनिकों में भेदभाव का व्यवहार जब चारों ओर फैला तो जनमानस में भारी असंतोष उत्पन्न हुआ तो प्रथम स्

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जात न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान

17 अगस्त 2022
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हमारे हिन्दू धर्म को सनातन धर्म के नाम से जाना जाता है। इसे सृष्टि का आदि धर्म भी कहते हैं।  इस धर्म के मानने वालों को गुण और कर्म के अनुसार विभिन्न वर्णों में विभक्त कर हमारे समाज के निर्माता ऋषि-मुन

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रोहिंग्या : शरणार्थी या अवैध घुसपैठ

18 अगस्त 2022
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रोहिंग्या : शरणार्थी या अवैध घुसपैठ यह यक्ष प्रश्न है? इसका उत्तर वर्तमान परिदृश्य में स्पष्ट रूप में दे पाना किसी के लिए भी संभव नहीं होगा। फिर भी समूची दुनिया इस बात से अनविज्ञ नहीं कि हमारी भ

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सनातन धर्म की महानता

21 अगस्त 2022
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धार्मिक विचार दृटि से ईश्वर, देवी-देवता, देव-दूत (पैगम्बर) आदि के प्रति मन में होने वाले विश्वास तथा श्रद्धा के आधार पर स्थित कर्त्तव्यों, कर्मों और धारणाओं को, जो भिन्न-भिन्न जातियों और देशों में अलग

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ऑनलाइन Vs ऑफलाइन शिक्षा

22 अगस्त 2022
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ऑफलाइन Vs ऑनलाइन शिक्षा पर विचार करने से पहले हमें शिक्षा क्या होती हैं. इस पर थोड़ा विचार कर लेना चाहिए। वस्तुतः शिक्षा का अर्थ है -अधिगम, अध्ययन तथा ज्ञानाभिग्रहण। शिक्षा-शास्त्री टी. रेमांट का

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संस्कृति के बहिष्कार का प्रचलन

23 अगस्त 2022
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किसी भी देश की संस्कृति उसकी आत्मा होती है। संस्कृति हमें राह बताती है तो सभ्यता उस राह पर चलाती हैं। सभी जानते हैं कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं और समाज एवं संस्कृति मानवता के विकास के

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भड़काऊ भाषण

24 अगस्त 2022
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हमारा भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक राष्ट्र है।  लोकतंत्र की आधारशिला चुनाव है।  इसलिए यहाँ नियमित रूप से से पांच वर्ष में चुनाव होते हैं। चुनाव का अर्थ है प्रत्याशियों का जनता के दरबार में पहु

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देश के प्राण तत्व होते हैं युवा

25 अगस्त 2022
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किसी भी देश के प्राण तत्व उसके युवा होते हैं। उनकी प्रतिभा, पौरुष, तप, त्याग और गरिमा राष्ट्र के लिए गर्व का विषय होता है। युवाओं का पथ, संकल्प और कर्म राष्ट्रीय पराक्रम और प्रताप के प्रतीक होते हैं।

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जल संरक्षण

26 अगस्त 2022
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           यह सार्वभौमिक सत्य है कि जीव-जगत में ऑक्सीजन की तरह ही जल भी प्राण तत्व है। इसके बिना न तो मनुष्यों का और ना ही पृथ्वी पर पलने वाले अन्य प्राणियों का काम चलता है। इसलिए यह कहना अतिश्योक

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धार्मिक उन्माद भारत माता के भाल पर कलंक है

27 अगस्त 2022
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हमारा भारत धर्म-निरपेक्ष देश है।  विभिन्न धर्मों में पारस्परिक सहिषुण्ता धर्म-निरपेक्ष है। धार्मिक-उन्माद को रोकने का नाम है- धर्म-निरपेक्षता।  यह कार्य आदिकाल से चल रहा है।  इस सम्बन्ध में अथर्ववेद  

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अवैध निर्माण

29 अगस्त 2022
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अभी कल रविवार की बात है सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोयडा स्थित अवैध निर्माण कर बनाया गया देश के सौ मीटर सबसे ऊंचे ३२ और २९ मंजिला ट्विन टावर को विस्फोट से ध्वस्त कर दिया गया।  यह हमारे देश में अवैध निर्

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सामाजिक एकाकार का उत्सव है गणेशोत्सव

31 अगस्त 2022
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हमारी भारतीय संस्कृति अध्यात्मवादी है, तभी तो उसका श्रोत कभी सूख नहीं पाता है। वह निरन्तर अलख जगाकर विपरीत परिस्थितियों को भी आनन्द और उल्लास से जोड़कर मानव-जीवन में नवचेतना का संचार करती रहती है।

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