अछूत समस्या पर गाँधी जी और शहीद भगत सिंह के विचार
Shaheed Bhagat Singh has written an essay a long time ago on " Achchoot Samsaya" as follows:
"अब एक सवाल और उठता हैͩ कि इस समस्या का सही निदान क्या हो? इसका जबाब बड़ा अहम है। सबसे पहले यह निर्ण्य कर लेना चाहिये कि सब इंसान समान हैं तथा न तो जनम से कोई भिन्न पैदा हुआ और न कार्य-विभाजन से। अर्थात क्योंकि एक आदमी गरीब मेहतर के घर पैदा हो गया है, इसलिये जीवन भर मैला ही साफ करेगा और दुनिया मे किसी तरह के विकास का काम पाने का उसे कोई हक नहीं है, ये बातें फजूल है । इस तरह हमारे पूर्वज आर्यों ने इन के साथ ऐसा अन्यायपूर्ण व्यवहार किया तथा उन्हे नीच कह कर दुत्कार दिया एवं निम्नकोटि के कार्य करवाने लगे। साथ ही यह भी चिंता हुई कि कहीं ये विद्रोह न कर दे, तब पुनर्जन्म के दर्शन का प्रचार कर दिया कि यह तुम्हारे पूर्व जन्म के पापों का फल है। अब क्या हो सकता है? चुपचाप दिन गुज़ारो ! इस तरह उन्हे धयै का उपदेश देकर वे लोग उन्हे लम्बे समय तक के लिये शांत करा गए। लेकिन उन्होने ने बड़ा पाप किया । मानव के भीतर की मानवीयता को समाप्त कर दिया ।आत्मविश्वास एवम् स्वावलंबन की भावनाओं को समाप्त कर दिया । बहुत दमन और अन्याय किया गया। आज उस सबके प्रायश्चित का वक्त है। '' "भगतͧसहं(1923) अछूत समयस्या" .
वरण और जातियों के चक्र मे तो देस के महात्मा और बापू भी उलझे नज़र आ रहे हैं . अब गीता के श्लोकों को पढ़ा कर इस कड़ी को आगे ले जाने की शाजीश चालू है . मरो कटो और आपस मे उलझे रहो इन्ही कुसंस्कारों मे .
देखिये महात्मा जी का ब्यान ,
"“I believe that if Hindu society has been able to stand, it is because it is founded on the caste system.... A community which can create the caste system must be said to possess unique power of organization....“To destroy the caste system and adopt the Western European social system means that Hindus must give up the of hereditary occupation which is the soul of the caste system.... [The] hereditary principle is an eternal principle. To change it is to create disorder.... It will be a chaos if every day a Brahmin is to be changed into a Shudra [a member of a caste in the lowest varna] and a Shudra is to be changed into a Brahmin. The caste system is a natural order of society.... I am opposed to all those who are out to destroy the caste system.” M K Gandhi
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