मोदी की सोच महिलाओं के बारे में --
अगर लड़की अचार की बोतल लेकर खड़ी हो जाए --- हालंकि बात दो साल पहले की है --उस समय भी मैंने ब्लॉग लिखा था जो ज्यादातर अंग्रेजी में था-
अभी यादगार ताज़ा हुई और याद आया की देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के एक भाषण जो मुद्रा बैंक के उद्घाटन' पर दिया था --एक नज़र डालिये --- 'किसान यदि आम बेचे तो पैसा मिलता है। आम का अचार बनाकर बेचे तो और ज्यादा पैसा मिलता है। अचार को बोतल में बंद करके बेचे तो और ज्यादा पैसा मिलता है और अगर लड़की अचार की बोतल लेकर खड़ी हो जाए तो बिक्री और ज्यादा बढ़ जाती है।'
पुरुष प्रधान समाज में अगर देश के प्रधान मंत्री की यह सोच है तो जाहिर है वे भी 'लड़की" को एक मूल्य बढायक सामग्री के रूप में देख रहे हैं -- जिस देश के प्रधान मंत्री इस प्रकार का ब्यान देते हों --वहां की आम जन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?! क्या नारी को उसका पुरुष के बराबर का अधिकार मिल पायेगा --
नारी उत्पीड़न अभी भी जारी है --इस उत्पीड़न के खात्मे के लिए पुरुष और नारी दोनों को एक जंग लड़नी है --ये राजनैतिक नेता व् दल खुले व् दबे कुचक्रों से इसको अपने निजी स्वार्थ के लिए बरकरार रखना चाहते हैं --
एक जनवादी आंदोलन जो अहम जमीनी मुद्दों पर आधारित हो --नारी, पुरुष हर कामगार वर्ग से कंधे से कंधा मिला के शामिल हो --तभी शोषण के साथ साथ नारी उत्पीड़न को भी समाप्त किया जा सकता है . ---
बच कर रहो --इन इंसानियत के दुश्मनो से ---
-समझें और सामझाएं ------
पहल करें ------पहिये का रुख बदलने का
मुश्किल है -------------नामुमकिन तो नही
जागो, मेरे भाई जागो
Join: Jago, Mere Bhai Jago
शामिल हों : बदलाव की लड़ाई और तमन्ना
शामिल हों : एक दिशा या राह -------ek disha ya raah
शामिल हों :रुके नही कदम , अब जागे हैं हम ( Unstoppable Struggle To Change The System )