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मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए

1 जून 2017

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मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए


बात कांग्रेस या बीजेपी की नहीं है --बात आम जनता के शोषण से भरी जिंदगी से है .

इतने बड़े देश में इतनी प्राकृतिक सम्पदा होते हुए भी गरीबी की हालत मखियों के भिनभिनाने से भी ज्यादा है .

कहीं से कोई प्रतिरोध व् प्रतिवाद नज़र नहीं आ रहा है .


कश्मीर और उत्तरपूर्वी प्रांतों की समस्याी इतनी बढ़ा दी गयी है --हर न्यायसंगत विरोध को देश विरोधी करार देकर तपन और घुटन को बढ़ा रहे हैं . राजनीती और गुंडावाहिनी पनप रही है . जन गण व्याकुल है --बच्चे और महिलाओं पर कई गुणा प्रहार होता है ऐसे में .बेरोजगारी इस तरह से बढ़ गयी है ,जिससे बेचैन और बेकार युवा व् युवतियां अनैतिक चक्रों में उलझ कर अपना , अपने परिवार और समाज और राष्ट्र के सुनहरे सपनों के विपरीत अमानवीय जीवन यापन पर बाध्य कर दिए गए हैं.सही मुद्दों से परे धार्मिक उन्माद फैला कर भाई भाई को लड़ाया जा रहा है . सीमा पर निरंतर युद्ध जैसी स्थिति बनाकर बुद्धिजीविओं और मीडिया से वाह वाही लेकर साधारण जनता का ध्यान असली मुद्दों से परे रखने की एक सोची समझी चाल खेल ी जा रही है .


कौन क्या खायेगा और कैसे कसरत करेगा --ऐसी बातों पर सरकारी नियम बना कर मूल मानवीय अधिकारों को कुचला जा रहा है ..
खान पान , बिजली पानी, प्रदूषण गंदगी , बेरोज़गारी नशेयुक्त ,कुपोषण बाल और महिला शोषण ,बीमारी और स्वस्थ्य की ठगी जैसी समस्या चरम पर हैं .


जहाँ छोटा व् मध्यम वर्गीय किसान हाशिये पर आ गए हैं , क़र्ज़ की जिंदगी काट कर अपनी इज़्ज़त को दाव पर लगाने पर मजबूर हैं , वहीँ खेतिहर और कल कारखानों के मज़दूर की हालत अमानवीय होती जा रही है

.
सारी राजनैतिक पार्टियां इसमें एकता बनाये हुए है --नाम बदलते रहते हैं --चेहरे भी बदलते रहते हैं --पर शोषण बरकरार है और पूँजीपत्तियों और सरमायेदारों के बैंक खाते बढ़ते रहते हैं --जहाँ किसान मज़दूर को 100 रूपये भी माफ़ करने के लिए बजट की दुहाई दी जाती हैं वहीँ पूँजीपत्तियों और सरमायेदारों को करोड़ों सरकारी खजाने से देने में एक पल की देरी नहीं होती है.
जानवर के नाम पर इंसानों की बलि चढ़ने लगी है और हम इसे भी वाह वाही समझने लगे हैं . राम मंदिर के नाम से हिन्दुओं की आत्मीयक तुष्टि पूरी होती है और हमारी बांछे खिल जाती है . गाय ढोर को पिटाई करने और उनके बच्चों के दूध को लूटने में कोई शर्म नहीं है --लेकिन उसका मांस खाने से हिंदुत्व पर चोट पहुँचती है .


फिर क्यों गाय भक्षक देशों से भीख मांग कर अपने हिंदुत्व को बेइज़्ज़त करवा रहे हैं .
वाम पंथी और दक्षिण पंथी पार्टियां चुप है और चर्चाएं सिर्फ बेमतबल के मुद्दों पर चलती रहती है और हम पीस रहे हैं
मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए --कमज़ोर बनाया गया है हमें


.===============अभय ===================
असली मुद्दों की लड़ाई के लिए जनजीवन को एकजुट कर एक लंबे संघर्ष से ही शोषण से मुक्ति मिल सकती है
-समझें और सामझाएं ------ पहल करें ------पहिये का रुख बदलने का
मुश्किल है ------------नामुमकिन तो नही
जागो, मेरे भाई जागो Join: Jago, Mere Bhai Jago
शामिल हों : बदलाव की लड़ाई और तमन्ना
शामिल हों :रुके नही कदम , अब जागे हैं हम ( Unstoppable Struggle To Change The System )
शामिल हों : एक दिशा या राह ----Ek disha ya raah

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मई दिवस मजदूरों का दिवस है

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मई दिवस मजदूरों का दिवस है मैं भी एक मजदूर हूँ --क्या दूसरों के सहारे शोषण के उन्मूलन की प्रतीक्षा करते रहेंगे जब फ़टी धरती मैं मिट्टी हटा रहा था जब आया जलजला मैं पानी से लड़ रहा था इमारतों की तहों में

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यह और बात हो सकती है की डॉक्टर आंबेडकर के विचारों पर बहस की जाये और आज के परिपेक्ष में उनके विचारों को समझा जाये -- लेकिन यह बात और है --जब मोदी और बीजेपी देश को हिंदुत्व की दिशा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हों ,नागरिकों के अधिकार को बंधित कर एक नए तरिके की आपातकाल प्रणाली शुरू

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क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं?

8 मई 2017
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क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं? वह असली नायक या सिर्फ एक रील हीरो है? न्यायिक प्रणाली के बारे में तो भूल ही जाओ. यहाँ पर तो अदालत और न्यायाधीश उल्लेख के लायक ही नहीं है .उनके कार्यों और निर्णय

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तो फिर मुझे ऐसा क्यों बनाया---"उसने" ---

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तो फिर मुझे ऐसा क्यों बनाया---"उसने" ---ज्ञानी : "सब उसकी माया है -वही सब कुछ है --वही बनाता और मिटाता है -चलो , उसकी शरण में चलें-रामधन मुर्ख -----!!-"रामधन : " अगर नहीं गए तो -------?"ज्ञानी : "जाने पर आनंद और खुशहाली मिलेगी-------न जाने पर बर्बादी --------!!!!-"रामधन : " क्या आप उनकी शरण में जाते

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चुप है आसमां , चुप है धरती -- फिर भी मैं चुप नहीं हूँ -----

19 मई 2017
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चुप है आसमां , चुप है धरती --फिर भी मैं चुप नहीं हूँ ----- जब जब धरती पर संकट आते हैं --तो भगवांन अवतार लेकर धरती को पाप मुक्त करवाने अवतार लेकर धरती पर आते हैं ---- हालाँकि मेरे जैसे मूढ़बाक को भगवान और अवतार की बातें गले से नहीं उतरती ---दिमाग में फिर कैसे

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I may be the Next Target of This Heroic Act --कृपया कोई पाठक इसका हिंदी अनुवाद करने की कृपा करें धन्यवाद सहित --- अभय

29 मई 2017
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I may be the Next Target of This Heroic Act -- No answers of the burning issues of the common man--Just the opposite , just to divide and unethically and illegitimately spreading the conflicts that should keep on brewing for their entertainment .--So Pathetic===============अभय ===================असल

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मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए

1 जून 2017
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मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए बात कांग्रेस या बीजेपी की नहीं है --बात आम जनता के शोषण से भरी जिंदगी से है .इतने बड़े देश में इतनी प्राकृतिक सम्पदा होते हुए भी गरीबी की हालत मखियों के भिनभिनाने से भी ज्यादा है .कहीं से कोई प्रतिरोध व् प्रतिवाद नज़र नहीं आ रहा है

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अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!

15 अक्टूबर 2017
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अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!15th October 2017 at 9:14 am अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!Posted by newseditorAbhay Vivek Aggroia=================अब यह जानना भी जरूरी है कि–अछूत और सफाई क

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