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क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं?

8 मई 2017

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क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं? वह असली नायक या सिर्फ एक रील हीरो है?

न्यायिक प्रणाली के बारे में तो भूल ही जाओ. यहाँ पर तो अदालत और न्यायाधीश उल् लेख के लायक ही नहीं है .उनके कार्यों और निर्णयों हमेशा से ही लोगों की जांच के दायरे में हैं और उन्हें हमारे राष्ट्र की न्यायिक वास्तविकता का पता है .इस पर विशेषज्ञों की राय का कोई भी कम नहीं है .यहां तक कि न्यायपालिका ही अपने स्वयं के कामकाज और उस में परिवर्तन की मांग पर बंटा हुआ है.मुद्दा मंगलो का इसलिए अदलतों के संदर्भ में है ही नहीं. सवाल मंगलो और उनके व्यक्तित्व के बारे उत्पन्न होते हैं।

वह एक सामाजिक रील हीरो है?-------- उसने किसी भी फिल्मों में किसी भी सामाजिक एजेंडे को उठा कर और नहीं किया है. वह विनाश और हिंसा और नकारात्मक की भूमिका फ़िल्मी पिटाई करने में एक लोकप्रिय नायक या खलनायक रहा है.मीडिया और आलोचकों की पेशगी ऐसे कि उसे पेश करने की वजह से उनकी फिल्मे रिलीज के कुछ ही हफ्तों में म्यूटी-करोड़ों में कमाने में सफल हुए हैं . तो, वह एक अमीर और समृद्ध और सफल रील हीरो, बेशक, लेकिनएक सामाजिक रील हीरो नहीं है, हालाँकि उनकी समृद्धि आम लोग हैं, जो उनकी फिल्मों और प्रदर्शन, व् मीडिया और मनोरंजन उद्योग के ऊपर , अपने आप में बहुप्रचारित फलमे देखने के लिए जाना, की जेब से आया है.

वह एक नैतिक व्यक्ति है? जबकि उनका व्यवहार उनके प्रेम जीवन से निपटने, क्रूर और कई मामलों में डराने-धमकाने होने की तरफ उमड़ा है. वह मानव् वादी है? मारे गए पशुओं के आरोपों का सामना कर के अपने कृत्य को छिपाना, उन्होंने ऐसा कर के कोई अच्छा इतिहास तो नहीं रचा . वह निर्दोष है? उसे न्यायपालिका को बताया जाना चाहिए था कि उसके ड्राइवर गोलमाल एक दुखद घटना के लिए जिम्मेदार था , अगर यही सच था . वह मानव त्रासदी के प्रति संवेदनशील है? पैसे लेकर नेताओं के मनोरंजन के लिए जमली में ट्वेर्किंग कर रहा था, जबकि गरीब लोग, धार्मिक अत्याचारों के शिकार, उन राजनेताओं की वजह से, गरीबनगर में ठंड से टेंटों में पीड़ित थे.

वह एक परोपकारी है? जहां लोगों को इस तरह के संदिग्ध व्यक्तित्व की दया पर निर्भर करता है वह दान अपने आप में एक सामाजिक कलंक है .इस तरह के दान देने वालों को अहंकारी कहते हैं.

वह एक सच्चा व्यक्ति है? नहीं, सभी प्रणाली के दुरुपयोग में उसे कोई पछतावा नहीं है .मजबूत और असली योद्धा गरिमा और निष्ठा के साथ अपने या अपने परिणामों का सामना करने से नहीं डरता. उसने अपने कुकर्मों को स्वीकार नहीं किया।

वह एक मजबूत और सुपर आदमी है? नहीं, कदापि नहीं।वह एक बहुत ही कायर व्यक्ति है।वह करता है और फिर उसकी दौलत और शोहरत के आधार पर सालों से प्रणाली के दुरुपयोग करने में उसे कोई पछतावा नहीं है .

तो, वह किसी भी अन्य बिगड़ैल , अमीर, शोहरत, अहंकार, अपने कार्यों के परिणामों से निडर की तरह ही है . नैतिकता की दृष्टि सिर्फ खुद को परिरक्षित रखने के लिए है.

तो फिर क्यों उसके बारे में इतना हंगामा है?क्यों हम ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाता है, क्या हमारी प्रकृति तमाशा और नौटंकी को देखने के लिए में निहित है !

उसे न्याय मिला?

जैसा कि मैंने आपको बताया, यह मेरा विषय आज नहीं है.


असली मुद्दों की लड़ाई के लिए जनजीवन को एकजुट कर एक लंबे संघर्ष से ही शोषण से मुक्ति मिल सकती है

-समझें और सामझाएं ------ पहल करें ------पहिये का रुख बदलने का

मुश्किल है ------------नामुमकिन तो नही

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रेणु

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बड़ा विचारणीय मुद्दा है

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राह अपनी है चाहे पगडण्डी ही न हो

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चुनाव से कोई बदलाव नही??????!!!!!!!!!!!!-----

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चुनाव से कोई बदलाव नही??????!!!!!!!!!!!!----------वाह क्या बात है --- धन्य है वह प्रान्त जहाँ योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं . मोदी की सहमति के बिना तो यह मुश्किल नही हो पाता--जन जाग्रति का दौर शुरू ऐसा हुआ है कि गैर हिन्दू और दलित अपने आपको कितना सुरक्षित महसूस कर रह

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22 मार्च 2017
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जब मोदी नवाज़ से गले मिल सकते है तो हमें देश द्रोही क्यों बनाया जा रहा है? Posted by newseditor Abhay Vivek Aggroia ———————– युद्ध आम अवाम नही बल्कि सत्ताएं करती हैं —— युद्ध के हथियार और दूसरे साधन जुटाने के लिए जो धन राशि विदेशों को दी जा रही है –गर पाकिस्तान और भारत अपने देश व

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23 मार्च शहादत दिवस है ----------------- बीजेपी , कांग्रेस आदि या मोदी को हक़ है , उनकी शहादत पर श्रदांजलि देने का उन्हें ही मनाने का अधिकार है जो शहादत को समझ एक सामजिक न्याय को लागू करने में समर्पण है -न की कांग्रेस और बीजेपी --- -बीजेपी के मुख्यमंत्री ने तो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह से

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अब गुजरात में गो हत्या करने वालों को उम्र क़ैद की सज़ा हो सकती है. देखा है सुना है और लगता भी है की गाय हमारी माता है --इसलिए इन पर इन्हें बूढा होने पर जन्म देने वाली माँ के बूढा होने से बर्ताव किया जाता है . गाय को क़त्ल किया जाता है तो माँ को ज

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अछूत समस्या पर गाँधी जी और शहीद भगत सिंह के विचार Shaheed Bhagat Singh has written an essay a long time ago on " Achchoot Samsaya" as follows: "अब एक सवाल और उठता हैͩ कि इस समस्या का सही निदान क्या हो? इसका जबाब बड़ा अहम है। सबसे पहले यह

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क्या वर्तमान बीजेपी सरकार वाक़ेई में जनसमर्थन की सरकार है --- यह तो सिस्टम है जिसने मोदी मोदी कह कर ऐसा बना दिया है जैसे कि सारे भारतियों के दिलों में वे बसते हैं तभी तो बीजेपी को भारी जनमत मिला !!! सही तो यह है की बीजेपी को 16 वीं लोकसभा चुनाव में मात्र 31

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हमे सोचना है --असली मुद्दों पर --- ना चढ़ावा मंदिर को , ना चर्च व मस्ज़िद को , ना पण्डित , मोलवी को . ना बाबाओं को . ना भीख भिखारियों को . ना झूठन घर के नौकरों को . ना अपनी उतरन गरीबों को . हम अपना

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कैसे कहदूँ ----मेरा देस महान - हरियाणा के ये दलित वर्षों से हैं दर-बदर

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जिस ईमान ने ,जिस राजनीती ने और जिस अत्याचारियों ने जो ऐसा किया और हम चुपचाप देखते तमाशा देखते रहे --------------धत है ऐसे बहादुरों पर जो अपने बल से निर्बल को हताहत कर जिंगदी का उल्लास मचाते हैं ------ कैसे कहदूँ ----मेरा देस महान -------------======अभय=============== -------------------------------

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मोदी की सोच महिलाओं के बारे में -- अगर लड़की अचार की बोतल लेकर खड़ी हो जाए ---हालंकि बात दो साल पहले की है --उस समय भी मैंने ब्लॉग लिखा था जो ज्यादातर अंग्रेजी में था- अभी यादगार ताज़ा हुई और याद आया की देश के प्रधानमन्त्

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धिक्कार है ऐसे देश की सत्ता को --धिक्कार है मीडिया और उनके मालिकों और एंकरज पर --ये फोटोस साभार Huffingtonpost हफ़्फिंगटनपोस्ट) से --अगर ये किसानों के दर्द को बयान नहीं कर रही हैं तो क्या नौटंकी कर रहे हैं ? बड़ी बड़ी बातें और मन की बातों में कहीं भी इनका जिक्र नहीं आया-- क्यों ??वि

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कुछ तो बात है मोदी में --- जवान मर रहे हैं किसान आत्महत्या कर रहे हैं आतंकवाद बढ़ रहा है बेरोज़गारी बढ़ रही है गरीबों और अल्पसंख्यों और महिलाओं का शोषण शिखर पर है तथाकथित हिन्दुरक्षक टोले पुलिस को भी नहीं बख्श रहे हैं पशुओं को माँ बनाकर इंसानो की बलि दी जा रही है धर्मिक उन्माद ऐसा ब

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युद्ध आम अवाम नही बल्कि सत्ताएं करती हैं ------ युद्ध के हथियार और दूसरे साधन जुटाने के लिए जो धन राशि विदेशों को दी जा रही है --गर पाकिस्तान और भारत अपने देश वासियों के आम जीवन को सुखमय बनाने में लगाए तो हो सकता है कोई राहत भी मिले ! एक दूसरे से युद्ध का माहौल बनाने में रहे दोनों देशों की

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यह भी होना ही था . बीजेपी सरकार क्या क्या नहीं कर दिखाएगी .!!!!!!

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यह भी होना ही था . बीजेपी सरकार क्या क्या नहीं कर दिखाएगी .!!!!!! नहीं ,मेरा अभिप्राय है कि क्या क्या नहीं सुनाएगी !!!!!!!!!!!!. करना तो बीजेपी को आम आदमी की हालत बदतर ही है , इसका अब क्या रोणा . बात तो यह है कि इसकी बयानबाज़ी में भी कोई मल्हम नहीं नज़र आती . छोड़ेगी भी नहीं ये

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मेरी घोषणा

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मैं महान सेवक घोषणा करता हूँ कि बैंकों में मैंने चपल्लों को उधार लेने के खाते खुलवा दिए हैं , भाईओं और बहनों जिस के पास चप्पल नहीं है , इन खातों से हवाई जहाज से यात्रा करने के लिए चप्पलें उधार ले सकते है . यात्रा के बाद इन्हे बैंकों के खातों में जमा करा दीजिये

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मई दिवस मजदूरों का दिवस है

4 मई 2017
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मई दिवस मजदूरों का दिवस है मैं भी एक मजदूर हूँ --क्या दूसरों के सहारे शोषण के उन्मूलन की प्रतीक्षा करते रहेंगे जब फ़टी धरती मैं मिट्टी हटा रहा था जब आया जलजला मैं पानी से लड़ रहा था इमारतों की तहों में

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यह और बात हो सकती है की डॉक्टर आंबेडकर के विचारों पर बहस की जाये

7 मई 2017
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यह और बात हो सकती है की डॉक्टर आंबेडकर के विचारों पर बहस की जाये और आज के परिपेक्ष में उनके विचारों को समझा जाये -- लेकिन यह बात और है --जब मोदी और बीजेपी देश को हिंदुत्व की दिशा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हों ,नागरिकों के अधिकार को बंधित कर एक नए तरिके की आपातकाल प्रणाली शुरू

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क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं?

8 मई 2017
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क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं? वह असली नायक या सिर्फ एक रील हीरो है? न्यायिक प्रणाली के बारे में तो भूल ही जाओ. यहाँ पर तो अदालत और न्यायाधीश उल्लेख के लायक ही नहीं है .उनके कार्यों और निर्णय

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तो फिर मुझे ऐसा क्यों बनाया---"उसने" ---

12 मई 2017
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तो फिर मुझे ऐसा क्यों बनाया---"उसने" ---ज्ञानी : "सब उसकी माया है -वही सब कुछ है --वही बनाता और मिटाता है -चलो , उसकी शरण में चलें-रामधन मुर्ख -----!!-"रामधन : " अगर नहीं गए तो -------?"ज्ञानी : "जाने पर आनंद और खुशहाली मिलेगी-------न जाने पर बर्बादी --------!!!!-"रामधन : " क्या आप उनकी शरण में जाते

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चुप है आसमां , चुप है धरती -- फिर भी मैं चुप नहीं हूँ -----

19 मई 2017
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चुप है आसमां , चुप है धरती --फिर भी मैं चुप नहीं हूँ ----- जब जब धरती पर संकट आते हैं --तो भगवांन अवतार लेकर धरती को पाप मुक्त करवाने अवतार लेकर धरती पर आते हैं ---- हालाँकि मेरे जैसे मूढ़बाक को भगवान और अवतार की बातें गले से नहीं उतरती ---दिमाग में फिर कैसे

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I may be the Next Target of This Heroic Act --कृपया कोई पाठक इसका हिंदी अनुवाद करने की कृपा करें धन्यवाद सहित --- अभय

29 मई 2017
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I may be the Next Target of This Heroic Act -- No answers of the burning issues of the common man--Just the opposite , just to divide and unethically and illegitimately spreading the conflicts that should keep on brewing for their entertainment .--So Pathetic===============अभय ===================असल

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मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए

1 जून 2017
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मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए बात कांग्रेस या बीजेपी की नहीं है --बात आम जनता के शोषण से भरी जिंदगी से है .इतने बड़े देश में इतनी प्राकृतिक सम्पदा होते हुए भी गरीबी की हालत मखियों के भिनभिनाने से भी ज्यादा है .कहीं से कोई प्रतिरोध व् प्रतिवाद नज़र नहीं आ रहा है

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अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!

15 अक्टूबर 2017
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अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!15th October 2017 at 9:14 am अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!Posted by newseditorAbhay Vivek Aggroia=================अब यह जानना भी जरूरी है कि–अछूत और सफाई क

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शहीद भगत सिंह हम तुम्हे याद करते हैं

12 नवम्बर 2017
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"ओ शहीद भगत सिंह हम---यह भी एक कविता है क्रांतिकारियों को याद करते करते ------कोई गुनगुनाए और गीत बनाए तो जानूँ---------------"ओ शहीद भगत सिंह हम तुम्हे याद करते हैंजो भुलाए तुम्हे, उनपर हम एतराज़ करते हैं ---------------------------------शहादत की एक परख अनोखी रच गया कुर्बानी के ज़ज़्बे को सबसे ऊँचा कर

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नया साल आया है

1 जनवरी 2018
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Abhay Vivek Aggroiaनया साल आया है,क्या दाल रोटी लाया है !या ख़ाली हाथ आया है .नहीं तो नया क्या पाया है .जनवरी की पहले पल के लम्हों की गूंज मैं हम शामिल नहीं है इस तड़क भड़क के रूप में .एक सनाटा है काटता है सर्दी का कहरकब बदलेगा हमारे जीवन से शोषण का असर .हमारी दिनचर्या क्या तारीखों और दिनों का हिसाब रख

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10 जनवरी 2018
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"अच्छे दिन " मोदी मोदी मोदी मोदी !!-----अपने टैक्स समय से दो . बेहद निर्णय लेने पड़े हैं , आपको झेलने होंगे-====डिजिटल लेन दें करना सीखो. हमारी पसंद के ही भोजन खाने की इज़ाज़त है -----जिस पहनावे की वजह से हम गुस्से से फड़फड़ा उठें , ऐसे कपड़े न पहनों ---===="अच्छे दिनों " के लिए "आधार कार्ड " आपको हम ने द

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कहाँ हैं वो जिन्हे हिन्द पर नाज़ है

19 अप्रैल 2018
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ये व्यवस्था ही बलात्कारी है और बलात्कारियों को गर्वित करती है ---मुझे ऐसी व्यवस्था पर नाज़ नहीं- किसका नाम लूँ या ना --कहाँ हैं , कहाँ हैं , कहाँ हैं वो जिन्हे हिन्द पर नाज़ है ===अभय ==जम्मू-कश्मीर में आठ साल की एक बच्ची के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले की आधिकारिक ज

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खूंखार मंजर

24 जुलाई 2018
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बढ़ ही रहा है ---------------------------- यह खूंखार मंजर ----------------------------------- साल गुज़रते रहे ======तरसते रहें हम "अच्छे दिनों " को और " सबका विकास " से !!!!!!!???????? RSS को हिन्दुओं की नहीं बल्कि हिंदुत्व की चिंता सता रही है. यह आडम्बर किस लिए ????!!!!!!

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