क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं? वह असली नायक या सिर्फ एक रील हीरो है?
न्यायिक प्रणाली के बारे में तो भूल ही जाओ. यहाँ पर तो अदालत और न्यायाधीश उल् लेख के लायक ही नहीं है .उनके कार्यों और निर्णयों हमेशा से ही लोगों की जांच के दायरे में हैं और उन्हें हमारे राष्ट्र की न्यायिक वास्तविकता का पता है .इस पर विशेषज्ञों की राय का कोई भी कम नहीं है .यहां तक कि न्यायपालिका ही अपने स्वयं के कामकाज और उस में परिवर्तन की मांग पर बंटा हुआ है.मुद्दा मंगलो का इसलिए अदलतों के संदर्भ में है ही नहीं. सवाल मंगलो और उनके व्यक्तित्व के बारे उत्पन्न होते हैं।
वह एक सामाजिक रील हीरो है?-------- उसने किसी भी फिल्मों में किसी भी सामाजिक एजेंडे को उठा कर और नहीं किया है. वह विनाश और हिंसा और नकारात्मक की भूमिका फ़िल्मी पिटाई करने में एक लोकप्रिय नायक या खलनायक रहा है.मीडिया और आलोचकों की पेशगी ऐसे कि उसे पेश करने की वजह से उनकी फिल्मे रिलीज के कुछ ही हफ्तों में म्यूटी-करोड़ों में कमाने में सफल हुए हैं . तो, वह एक अमीर और समृद्ध और सफल रील हीरो, बेशक, लेकिनएक सामाजिक रील हीरो नहीं है, हालाँकि उनकी समृद्धि आम लोग हैं, जो उनकी फिल्मों और प्रदर्शन, व् मीडिया और मनोरंजन उद्योग के ऊपर , अपने आप में बहुप्रचारित फलमे देखने के लिए जाना, की जेब से आया है.
वह एक नैतिक व्यक्ति है? जबकि उनका व्यवहार उनके प्रेम जीवन से निपटने, क्रूर और कई मामलों में डराने-धमकाने होने की तरफ उमड़ा है. वह मानव् वादी है? मारे गए पशुओं के आरोपों का सामना कर के अपने कृत्य को छिपाना, उन्होंने ऐसा कर के कोई अच्छा इतिहास तो नहीं रचा . वह निर्दोष है? उसे न्यायपालिका को बताया जाना चाहिए था कि उसके ड्राइवर गोलमाल एक दुखद घटना के लिए जिम्मेदार था , अगर यही सच था . वह मानव त्रासदी के प्रति संवेदनशील है? पैसे लेकर नेताओं के मनोरंजन के लिए जमली में ट्वेर्किंग कर रहा था, जबकि गरीब लोग, धार्मिक अत्याचारों के शिकार, उन राजनेताओं की वजह से, गरीबनगर में ठंड से टेंटों में पीड़ित थे.
वह एक परोपकारी है? जहां लोगों को इस तरह के संदिग्ध व्यक्तित्व की दया पर निर्भर करता है वह दान अपने आप में एक सामाजिक कलंक है .इस तरह के दान देने वालों को अहंकारी कहते हैं.
वह एक सच्चा व्यक्ति है? नहीं, सभी प्रणाली के दुरुपयोग में उसे कोई पछतावा नहीं है .मजबूत और असली योद्धा गरिमा और निष्ठा के साथ अपने या अपने परिणामों का सामना करने से नहीं डरता. उसने अपने कुकर्मों को स्वीकार नहीं किया।
वह एक मजबूत और सुपर आदमी है? नहीं, कदापि नहीं।वह एक बहुत ही कायर व्यक्ति है।वह करता है और फिर उसकी दौलत और शोहरत के आधार पर सालों से प्रणाली के दुरुपयोग करने में उसे कोई पछतावा नहीं है .
तो, वह किसी भी अन्य बिगड़ैल , अमीर, शोहरत, अहंकार, अपने कार्यों के परिणामों से निडर की तरह ही है . नैतिकता की दृष्टि सिर्फ खुद को परिरक्षित रखने के लिए है.
तो फिर क्यों उसके बारे में इतना हंगामा है?क्यों हम ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाता है, क्या हमारी प्रकृति तमाशा और नौटंकी को देखने के लिए में निहित है !
उसे न्याय मिला?
जैसा कि मैंने आपको बताया, यह मेरा विषय आज नहीं है.
असली मुद्दों की लड़ाई के लिए जनजीवन को एकजुट कर एक लंबे संघर्ष से ही शोषण से मुक्ति मिल सकती है
-समझें और सामझाएं ------ पहल करें ------पहिये का रुख बदलने का
मुश्किल है ------------नामुमकिन तो नही
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