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तो फिर मुझे ऐसा क्यों बनाया---"उसने" ---

12 मई 2017

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तो फिर मुझे ऐसा क्यों बनाया---"उसने" ---


ज्ञान ी : "सब उसकी माया है -वही सब कुछ है --वही बनाता और मिटाता है -चलो , उसकी शरण में चलें-

रामधन मुर्ख -----!!-"

रामधन : " अगर नहीं गए तो -------?"

ज्ञानी : "जाने पर आनंद और खुशहाली मिलेगी-------न जाने पर बर्बादी --------!!!!-"
रामधन : " क्या आप उनकी शरण में जाते हैं ------?"
ज्ञानी : "हाँ------!!-"
रामधन : " आप खुशहाल हैं --?"
ज्ञानी : " नहीं , यह खुशहाली ऊपर जाकर मिलती है --यहाँ पर तो उनके नियम के अनुसार कर्म भोगने पड़ते हैं--!-"
रामधन : " आप कर्म भोग रहे हैं --?"
ज्ञानी : " हाँ--!!-"
रामधन : " किसने कहा --?"
ज्ञानी : "गुरु ने कहा और किताबों में भी लिखा है --!!!-"
रामधन : " गुरु को किसने कहा----?
ज्ञानी : "स्वयं उन्होंने -!!-"
रामधन : " तुम तो कहते हो , उनसे कोई नहीं मिल सकता--निराकार है . फिर गुरु कैसे मिल गए उनसे ----?
ज्ञानी : "गुरु ने कहा कि -- किताबों में पढ़ा है ----------शरण में जाओ तो स्वर्ग और नहीं तो नर्क ---"
रामधन : " किताबों को किसने लिखा---?"
ज्ञानी : "ये हमेशा से ही हैं -स्वयं उन्होंने ही लिखी है -!!!-"
रामधन : " फिर कौनसी भाषा में लिखी है --उन्हें तो सब भाषा आती होंगी ----अंग्रेजी, उर्दू , अरबी---?"
ज्ञानी : " सब कुछ , हाँ--!!-"
रामधन : " फिर किसकी शरण में जांयें --?"
ज्ञानी : "उनकी ----!-"
रामधन : " उनकी ? राम , कृष्ण , ईसा , मोहमद ---?"
ज्ञानी : "अपने धर्म से बाहर जाने से तो पाप बढता है --!!!-"
रामधन : " कौन कहता है --?"
ज्ञानी : " गुरु कहते हैं--!!!-"
रामधन : " गुरु क्यों ऐसा कहते हैं --?"
ज्ञानी : " किताबों में लिखा है --!!-"
रामधन : " किताबों किसने लिखी है -----------------?"
ज्ञानी : "स्वयं उसने---------------------------!!!!!!!!!!!!!-"
रामधन : " उसका कौन सा धर्म है -----------------?"
ज्ञानी : " वो तो मालिक हैं--सब के--यह कौन से बात हुई --उनका भी कोई धर्म हो --!!!-"
रामधन : " फिर किताबों में क्या लिखा है ----इंसान धर्मों में बंटते रहें ----?"
ज्ञानी : "हम नहीं बांटते . पापी भ्रष्ट हो कर दूसरे धर्मों में जा रहे हैं ---!!!!-"
रामधन : " कौन कहता है ---?"
ज्ञानी : " गुरु कहता है ---किताबों में लिखा है --!!!-"
रामधन : " क्या लिखा है ---?"
ज्ञानी : "एक ही धर्म ह--बाकि सब पापी हैं -!!-"
रामधन : " कहाँ लिखा है ---?"
ज्ञानी : " किताबों में --!!-"
रामधन : " क्या तुमने पढ़ा है ---?"
ज्ञानी : "नहीं , गुरु कहते हैं --!-"
रामधन : " गुरु ने पढ़ा है--?"
ज्ञानी : " हाँ , गुरु सब जानते हैं --!!!-"
रामधन : " गुरु क्या "वो" ( भगवान् ) हैं --?"
ज्ञानी : " नहीं उनके सच्चे दूत हैं --!!-"
रामधन : " किसने कहा---?"
ज्ञानी : " गुरु ने -!!-"
रामधन : " गुरु ने उनका दूत बन कर सबको खुशहाल कर दिया ---?"
ज्ञानी : " नहीं , फल ऊपर जाकर मिलेगा --!!-"
रामधन : " क्या मालूम --?"
ज्ञानी : " गुरु कहते हैं -!-"
रामधन : " क्या गुरु ऊपर जा कर आएं हैं --?"
ज्ञानी : " हा हा हा ---वहां कोई नहीं जा सकता !-"
रामधन : " क्यों नहीं --?"
ज्ञानी : " मालूम नहीं , उसकी ऐसी ही रचना है . हम कौन होते हैं सवाल करने वाले -!!!-"
रामधन : " मैं तो सवाल करना चाहता हूँ --?"
ज्ञानी : " समझाया -तुझे रामधन मुर्ख ---बहुत .-शामिल हो कर शरण में चलो ----स्वर्ग मिलेगा , नहीं
तो पाप की अग्नि में झुलस दिए जाओगे --!"
रामधन : " तो क्या वो डरा कर खुशामद करवाता है -?"
ज्ञानी : "आपकी बुद्धि में ही रोग है ---!!-"
रामधन : " किसने बनाई मेरी बुद्धि ---?"
ज्ञानी : "सब उसकी माया है -!!-"
रामधन : " तो फिर मुझे ऐसा "रोगी " क्यों बनाया -----"उसने" ----?"

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असली मुद्दों की लड़ाई के लिए जनजीवन को एकजुट कर एक लंबे संघर्ष से ही शोषण से मुक्ति मिल सकती है
-समझें और सामझाएं ------ पहल करें ------पहिये का रुख बदलने का
मुश्किल है ------------नामुमकिन तो नही
जागो, मेरे भाई जागो Join: Jago, Mere Bhai Jago
शामिल हों : बदलाव की लड़ाई और तमन्ना
शामिल हों :रुके नही कदम , अब जागे हैं हम ( Unstoppable Struggle To Change The System )
शामिल हों : एक दिशा या राह ----Ek disha ya raah

अभय विवेक अगगरोइआ की अन्य किताबें

आलोक सिन्हा

आलोक सिन्हा

आपके हर कथन में अक्षरशः सच्चाई है |

12 मई 2017

रेणु

रेणु

जी अभय जी सहमत हूँ आपसे भ्रामक धर्म ने लोगों को सदा गुमराह किया है और इन कथित ज्ञानी धर्मगुरुओं ने तो सारी सीमायें ही लांध दी -- पर हमारा खुद का अपना विवेक कहाँ गया ?

12 मई 2017

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राह अपनी है चाहे पगडण्डी ही न हो

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22 मार्च 2017
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चुनाव से कोई बदलाव नही??????!!!!!!!!!!!!----------वाह क्या बात है --- धन्य है वह प्रान्त जहाँ योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं . मोदी की सहमति के बिना तो यह मुश्किल नही हो पाता--जन जाग्रति का दौर शुरू ऐसा हुआ है कि गैर हिन्दू और दलित अपने आपको कितना सुरक्षित महसूस कर रह

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क्या वर्तमान बीजेपी सरकार वाक़ेई में जनसमर्थन की सरकार है --- यह तो सिस्टम है जिसने मोदी मोदी कह कर ऐसा बना दिया है जैसे कि सारे भारतियों के दिलों में वे बसते हैं तभी तो बीजेपी को भारी जनमत मिला !!! सही तो यह है की बीजेपी को 16 वीं लोकसभा चुनाव में मात्र 31

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हमे सोचना है --असली मुद्दों पर --- ना चढ़ावा मंदिर को , ना चर्च व मस्ज़िद को , ना पण्डित , मोलवी को . ना बाबाओं को . ना भीख भिखारियों को . ना झूठन घर के नौकरों को . ना अपनी उतरन गरीबों को . हम अपना

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कैसे कहदूँ ----मेरा देस महान - हरियाणा के ये दलित वर्षों से हैं दर-बदर

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जिस ईमान ने ,जिस राजनीती ने और जिस अत्याचारियों ने जो ऐसा किया और हम चुपचाप देखते तमाशा देखते रहे --------------धत है ऐसे बहादुरों पर जो अपने बल से निर्बल को हताहत कर जिंगदी का उल्लास मचाते हैं ------ कैसे कहदूँ ----मेरा देस महान -------------======अभय=============== -------------------------------

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मोदी की सोच महिलाओं के बारे में -

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मोदी की सोच महिलाओं के बारे में -- अगर लड़की अचार की बोतल लेकर खड़ी हो जाए ---हालंकि बात दो साल पहले की है --उस समय भी मैंने ब्लॉग लिखा था जो ज्यादातर अंग्रेजी में था- अभी यादगार ताज़ा हुई और याद आया की देश के प्रधानमन्त्

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धिक्कार है ऐसे देश की सत्ता को -

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धिक्कार है ऐसे देश की सत्ता को --धिक्कार है मीडिया और उनके मालिकों और एंकरज पर --ये फोटोस साभार Huffingtonpost हफ़्फिंगटनपोस्ट) से --अगर ये किसानों के दर्द को बयान नहीं कर रही हैं तो क्या नौटंकी कर रहे हैं ? बड़ी बड़ी बातें और मन की बातों में कहीं भी इनका जिक्र नहीं आया-- क्यों ??वि

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कुछ तो बात है मोदी में ---

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कुछ तो बात है मोदी में --- जवान मर रहे हैं किसान आत्महत्या कर रहे हैं आतंकवाद बढ़ रहा है बेरोज़गारी बढ़ रही है गरीबों और अल्पसंख्यों और महिलाओं का शोषण शिखर पर है तथाकथित हिन्दुरक्षक टोले पुलिस को भी नहीं बख्श रहे हैं पशुओं को माँ बनाकर इंसानो की बलि दी जा रही है धर्मिक उन्माद ऐसा ब

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युद्ध आम अवाम नही बल्कि सत्ताएं करती हैं -----

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युद्ध आम अवाम नही बल्कि सत्ताएं करती हैं ------ युद्ध के हथियार और दूसरे साधन जुटाने के लिए जो धन राशि विदेशों को दी जा रही है --गर पाकिस्तान और भारत अपने देश वासियों के आम जीवन को सुखमय बनाने में लगाए तो हो सकता है कोई राहत भी मिले ! एक दूसरे से युद्ध का माहौल बनाने में रहे दोनों देशों की

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यह भी होना ही था . बीजेपी सरकार क्या क्या नहीं कर दिखाएगी .!!!!!!

30 अप्रैल 2017
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यह भी होना ही था . बीजेपी सरकार क्या क्या नहीं कर दिखाएगी .!!!!!! नहीं ,मेरा अभिप्राय है कि क्या क्या नहीं सुनाएगी !!!!!!!!!!!!. करना तो बीजेपी को आम आदमी की हालत बदतर ही है , इसका अब क्या रोणा . बात तो यह है कि इसकी बयानबाज़ी में भी कोई मल्हम नहीं नज़र आती . छोड़ेगी भी नहीं ये

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मेरी घोषणा

2 मई 2017
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मैं महान सेवक घोषणा करता हूँ कि बैंकों में मैंने चपल्लों को उधार लेने के खाते खुलवा दिए हैं , भाईओं और बहनों जिस के पास चप्पल नहीं है , इन खातों से हवाई जहाज से यात्रा करने के लिए चप्पलें उधार ले सकते है . यात्रा के बाद इन्हे बैंकों के खातों में जमा करा दीजिये

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मई दिवस मजदूरों का दिवस है

4 मई 2017
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मई दिवस मजदूरों का दिवस है मैं भी एक मजदूर हूँ --क्या दूसरों के सहारे शोषण के उन्मूलन की प्रतीक्षा करते रहेंगे जब फ़टी धरती मैं मिट्टी हटा रहा था जब आया जलजला मैं पानी से लड़ रहा था इमारतों की तहों में

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यह और बात हो सकती है की डॉक्टर आंबेडकर के विचारों पर बहस की जाये

7 मई 2017
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यह और बात हो सकती है की डॉक्टर आंबेडकर के विचारों पर बहस की जाये और आज के परिपेक्ष में उनके विचारों को समझा जाये -- लेकिन यह बात और है --जब मोदी और बीजेपी देश को हिंदुत्व की दिशा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हों ,नागरिकों के अधिकार को बंधित कर एक नए तरिके की आपातकाल प्रणाली शुरू

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क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं?

8 मई 2017
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क्यों मीडिया और लोग मंगलो और उनके मामले के बारे में इस तरह के एक हो-हल्लाह कर रहे हैं? वह असली नायक या सिर्फ एक रील हीरो है? न्यायिक प्रणाली के बारे में तो भूल ही जाओ. यहाँ पर तो अदालत और न्यायाधीश उल्लेख के लायक ही नहीं है .उनके कार्यों और निर्णय

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तो फिर मुझे ऐसा क्यों बनाया---"उसने" ---

12 मई 2017
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तो फिर मुझे ऐसा क्यों बनाया---"उसने" ---ज्ञानी : "सब उसकी माया है -वही सब कुछ है --वही बनाता और मिटाता है -चलो , उसकी शरण में चलें-रामधन मुर्ख -----!!-"रामधन : " अगर नहीं गए तो -------?"ज्ञानी : "जाने पर आनंद और खुशहाली मिलेगी-------न जाने पर बर्बादी --------!!!!-"रामधन : " क्या आप उनकी शरण में जाते

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चुप है आसमां , चुप है धरती -- फिर भी मैं चुप नहीं हूँ -----

19 मई 2017
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चुप है आसमां , चुप है धरती --फिर भी मैं चुप नहीं हूँ ----- जब जब धरती पर संकट आते हैं --तो भगवांन अवतार लेकर धरती को पाप मुक्त करवाने अवतार लेकर धरती पर आते हैं ---- हालाँकि मेरे जैसे मूढ़बाक को भगवान और अवतार की बातें गले से नहीं उतरती ---दिमाग में फिर कैसे

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I may be the Next Target of This Heroic Act --कृपया कोई पाठक इसका हिंदी अनुवाद करने की कृपा करें धन्यवाद सहित --- अभय

29 मई 2017
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I may be the Next Target of This Heroic Act -- No answers of the burning issues of the common man--Just the opposite , just to divide and unethically and illegitimately spreading the conflicts that should keep on brewing for their entertainment .--So Pathetic===============अभय ===================असल

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मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए

1 जून 2017
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मरे पिटे क्यों --कमजोर हो इसलिए बात कांग्रेस या बीजेपी की नहीं है --बात आम जनता के शोषण से भरी जिंदगी से है .इतने बड़े देश में इतनी प्राकृतिक सम्पदा होते हुए भी गरीबी की हालत मखियों के भिनभिनाने से भी ज्यादा है .कहीं से कोई प्रतिरोध व् प्रतिवाद नज़र नहीं आ रहा है

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अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!

15 अक्टूबर 2017
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अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!15th October 2017 at 9:14 am अछूत और सफ़ाई कर्मचारियों के विषय में यह जानना ज़रूरी है!Posted by newseditorAbhay Vivek Aggroia=================अब यह जानना भी जरूरी है कि–अछूत और सफाई क

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शहीद भगत सिंह हम तुम्हे याद करते हैं

12 नवम्बर 2017
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"ओ शहीद भगत सिंह हम---यह भी एक कविता है क्रांतिकारियों को याद करते करते ------कोई गुनगुनाए और गीत बनाए तो जानूँ---------------"ओ शहीद भगत सिंह हम तुम्हे याद करते हैंजो भुलाए तुम्हे, उनपर हम एतराज़ करते हैं ---------------------------------शहादत की एक परख अनोखी रच गया कुर्बानी के ज़ज़्बे को सबसे ऊँचा कर

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नया साल आया है

1 जनवरी 2018
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Abhay Vivek Aggroiaनया साल आया है,क्या दाल रोटी लाया है !या ख़ाली हाथ आया है .नहीं तो नया क्या पाया है .जनवरी की पहले पल के लम्हों की गूंज मैं हम शामिल नहीं है इस तड़क भड़क के रूप में .एक सनाटा है काटता है सर्दी का कहरकब बदलेगा हमारे जीवन से शोषण का असर .हमारी दिनचर्या क्या तारीखों और दिनों का हिसाब रख

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अच्छे दिन

10 जनवरी 2018
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"अच्छे दिन " मोदी मोदी मोदी मोदी !!-----अपने टैक्स समय से दो . बेहद निर्णय लेने पड़े हैं , आपको झेलने होंगे-====डिजिटल लेन दें करना सीखो. हमारी पसंद के ही भोजन खाने की इज़ाज़त है -----जिस पहनावे की वजह से हम गुस्से से फड़फड़ा उठें , ऐसे कपड़े न पहनों ---===="अच्छे दिनों " के लिए "आधार कार्ड " आपको हम ने द

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कहाँ हैं वो जिन्हे हिन्द पर नाज़ है

19 अप्रैल 2018
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ये व्यवस्था ही बलात्कारी है और बलात्कारियों को गर्वित करती है ---मुझे ऐसी व्यवस्था पर नाज़ नहीं- किसका नाम लूँ या ना --कहाँ हैं , कहाँ हैं , कहाँ हैं वो जिन्हे हिन्द पर नाज़ है ===अभय ==जम्मू-कश्मीर में आठ साल की एक बच्ची के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले की आधिकारिक ज

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खूंखार मंजर

24 जुलाई 2018
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बढ़ ही रहा है ---------------------------- यह खूंखार मंजर ----------------------------------- साल गुज़रते रहे ======तरसते रहें हम "अच्छे दिनों " को और " सबका विकास " से !!!!!!!???????? RSS को हिन्दुओं की नहीं बल्कि हिंदुत्व की चिंता सता रही है. यह आडम्बर किस लिए ????!!!!!!

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