23 मार्च शहादत दिवस है ----------------- बीजेपी , कांग्रेस आदि या मोदी को हक़ है , उनकी शहादत पर श्रदांजलि देने का उन्हें ही मनाने का अधिकार है जो शहादत को समझ एक सामजिक न्याय को लागू करने में समर्पण है -न की कांग्रेस और बीजेपी --- -बीजेपी के मुख्यमंत्री ने तो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह से बदल कर मंगल सैन रखने की सिफारिश ही कर डाली और मोदी जी इसपर भी चुप रहे -!!???? अब कौन बताये कि ----------" मंगल सैन कौन से शहादत की याद दिलाते हैं -----खट्टर और इसकी बीजेपी पार्टी ही इसका जवाब दे सकती हैं ---????? और कांग्रेस ने तो आज़ादी के दीवानों को फांसी से बचाने का प्रयतन ही नही किया -------कुछ ने तो इन नौजवानों को सिरफिरे भी करार कर दिया था----- !!!!!!!!!!!! आज़ादी बलिदान से आई है ---- जब भगत सिंह आम लोगों की जुबान पर आया तो ------------उसके नाम के तवे चढ़ा दिए हैं इन पार्टियों ने -----------ताकि चुनावी और वोटों के पकवान पका कर बाजार में सजा कर अवाम को ठग सके ---------------और आवाम भी ठगी जा रही है -??? हमें शहादतों के मेले नही लगाणे हैं --------------------------------------------------- ---------उन्हें जिन्दा रखना है ------------उनके विचारों और हौसलों को --------- मात्र माला चढ़ाकर अपने को छुटकारा दिलाना शहीदों को असली सलामी कभी हो ही नही सकती है --------------------कुछ तो और भी है , जो आज का दिन हमें सिखाता है और उस सीख के साथ एक सामाजिक न्याय लाने की प्रक्रिया में अपना योगदान देना ही सच्ची सलामी होगी -. --------------------एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना , जहाँ एक इंसान दूसरे इंसान का शोषण न कर पाये -------------यही भगत सिंह का इंक़लाब है ---------साधारण और सीधा सादा पर अध्भुत और नवीन --------------एक बदलाव जिसका आज का सत्ताधारी विरोधी है --. आएं शहीदों की शहादतों को जिन्दा रखने की जिम्मेदारी लें.
-समझें और सामझाएं ——
पहल करें ——पहिये का रुख बदलने का मुश्किल है ————-नामुमकिन तो नही
जागो, मेरे भाई जागो Join: Jago, Mere Bhai Jago
शामिल हों : बदलाव की लड़ाई और तमन्ना
शामिल हों :रुके नही कदम , अब जागे हैं हम ( Unstoppable Struggle To Change The System )
शामिल हों : एक दिशा या राह —-Ek disha ya raah