मई दिवस मजदूरों का दिवस है
मैं भी एक मजदूर हूँ -
- क्या दूसरों के सहारे
शोषण के उन्मूलन की प्रतीक्षा करते रहेंगे
जब फ़टी धरती
मैं मिट्टी हटा रहा था
जब आया जलजला
मैं पानी से लड़ रहा था
इमारतों की तहों में
मेरे पांव छिले हैं
बंज़र बिराने में
मुझ से ही फूल खिले हैं
मैंने रचना की साहित्य की
ताकि समाज बढे आगे
खोज करके विधियां दी
ताकि बिमारिओं पर बांध लागे
मैंने ही तोड़ी सरहदों की दीवारें
नफरत की जड़ों को कमजोर करने
विश्व को एकता देकर बेबस हम फिर क्यों
फिर भी लड़ाई चलेगी
शहादतें बलिदान
भूख से परेशान
फ़टे हाल कंगाल
जाहिल है गंवार
शोषण का मलियामेट कर
एक नए समाज की रचना करने ---------------------------
====================अभय ====================
असली मुद्दों की लड़ाई के लिए जनजीवन को एकजुट कर एक लंबे संघर्ष से ही शोषण से मुक्ति मिल सकती है
-समझें और सामझाएं ------ पहल करें ------पहिये का रुख बदलने का
मुश्किल है ------------नामुमकिन तो नही
जागो, मेरे भाई जागो Join: Jago, Mere Bhai Jago
शामिल हों : बदलाव की लड़ाई और तमन्ना
शामिल हों :रुके नही कदम , अब जागे हैं हम ( Unstoppable Struggle To Change The System )
शामिल हों : एक दिशा या राह ----Ek disha ya raah