रामगुलाम लड़ाई के दौरान धोखे से पड़ोसीदेश की सरहद को पार करके उनके एक गांव पहुंच जाता है।
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“अदला बदली”( दूसरी क़िश्त)( अब तक) आगे कभी मौक़ा मिला तो अपन मुल्क वापस जाने का तरीका ढूंढूगा । अगले दिन उसे फिर उन्हीं दस बारह लोगों ने घेर लिया और पूछने लगे कि सरवर बेटे आखिर 2 साल तुम गधे
<div><span style="font-size: 16px;">“अदला बदली” ( तीसरी क़िश्त )</span></div><div><span style="font-size: 16px;"><br></span></div><div><span style="font-size: 16px;">(अब तक--- सरवर उधर ही त
“अदला बदली” ( कहानी--तीसरी क़िशत )अब तक-- रामगुलाम की अपील भारत सरकार के हर दफ़्तर से खारिज़ हो गई और उसे एक पाक सिपाही सरवर गुलाम ही माना गया । ( इससे आगे --)कई साल और गुज़रे तो भारत और पाकिस
“अदला बदली” ( कहानी पांचवीं क़िशत )( अब तक-- इस बाबत मैं अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार के सरमाएदारों के पास भी जाऊंगा और भारतीय सेना के अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत करूंगा )इससे आगे --'इसके बाद
“अदला बदली” ( कहानी अंतिम क़िश्त ) अब तक-- दिलावर खान और उसके 10 साथियों को गिरफ़्तार कर लिया गया , और ज़ेल में डाल दिया गया । इससे आगे -- सरवर गुलाम जैसे ही अपने गांव हबीबाबा