🌿दिनांक :- 22/06/22🌿
🌺सुनों न! दैनन्दिनी,
आज एक कहानी पढ़ी। बहुत ही बढ़िया शिक्षाप्रद कहानी....👌🏻
एक भिखारी था। वह नदी के किनारे बैठा हुआ था तभी एक मुसाफिर उधर से गुजरता है। वह भिखारी को देखते हुए बोलता है आप यहां क्यों बैठे हैं तो वो भिखारी बोलता है मैं इस नदी को पूरा बह जाने का इंतजार कर रहा हूँ। यह नदी एक बार पूरी बह जाएगी तो मैं इसे पार कर लूंगा।
यह सुनकर मुसाफिर थोड़ा सोचता है फिर बोलता है यह "अरे यह क्या बोल रहे हो, ऐसे तो तुम इंतजार ही करते रह जाओगे क्योंकि यह नदी तो कभी पूरी तरह से बहेगी ही कि नहीं।
तो भिखारी हंसते हुए बोलता है कि वही तो मैं तुम लोगों को समझाना चाहता हूं। तुम लोग बोलते रहते हो कि एक बार जिंदगी के सब काम खत्म हो जाए फिर आराम से जिंदगी जिएंगे। अपने लिए समय निकालेंगे। पर जैसे नदी कभी खत्म नहीं होगी। उसी तरह जिंदगी की काम भी कभी खत्म नहीं होंगे। इसलिए अपनी जिंदगी के काम के समय में से कुछ समय निकालकर अपने लिए अपने लिए जीना चाहिए।
सचमुच जिंदगी की आपाधापी में इतने व्यस्त हो गए हैं कि लोग अपने लिए जीना भूल गए हैं।😑
आज बस इतना ही,
कल मिलते हैं ......😊