🌿दिनांक :- 19/06/22🌿
🌺सुनों न! दैनन्दिनी,
सेना की भर्ती निकलने की वालीं थीं। बहुत से युवा तैयार थे भर्ती देखने के लिए। लेकिन भर्ती तो नहीं आईं। आया एक बड़ा फैसला। एक बहुत बड़ा बदलाव।
इस बदलाव के खिलाफ युवा भड़क गए। लेकिन कुछ तो इतने निराश हो गए कि उन्होंने अपनी जान भी दे दी। कुछ आक्रोशित इतने हुए कि कहीं आगजनी तो कहीं तोड़फोड़ कर रहे हैं। तैयारी कर रहे छात्र बहुत गुस्से में हैं और देश की संपत्ति और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अग्निपथ फैसले के खिलाफ़ संग्राम छिड गया है।
पता नहीं अग्निपथ फैसले का क्या परिणाम होगा। लेकिन जो देश की और निजी संपत्ति तोड़फोड़ में और आगजनी में स्वाहा हो रही है उसका जिम्मेदार कौन होगा अग्निपथ या छात्र।
सोचनीय है
आज बस इतना ही,
कल मिलते हैं .......😞