सुशांत के याद में कुछ पंक्तियां ...
यह मेरे भावनाओं के उतार चढ़ाव पर आधारित है।
इस पुस्तक में वर्तमान में चल रहे लोगों के चरित्र के विषय में वर्णन किया है जिसमें आज के लोग प्रेम में धोखा देकर किसी भी लड़की के चरित्र पर दाग लगाने की कोशिश करते हैं। इस धोखे के कारण इस समय बहुत ही लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है। ।
मेरी पुस्तक 'स्वाद ही स्वाद' में व्यंजनों की बहुत ही सरल रेसिपी शेयर की गई है जिसे पढ़कर कोई भी व्यंजन आसानी से बनाया जा सकता है। 🍟
## बधाई ## भगवान का दिया हुआ प्रसाद, और आप दोनों की प्रेम कि निशानी पुत्र / पुत्री में भेदभाव न करें !
बचपन का जमाना बहुत अलग था वो लोग कुछ और ही अलग दुनिया के थे. उन्हें याद करती हूँ तो जैसे उन सबको एक बार पा जाती हूँ.
कुछ अनकहे लफ्ज़
मेरे बचपन का दौर अलग था उनका रहन -सहन अलग था उनके जीवन का उद्देश्य सहकार जीवन था सब मिलकर जीते थे दुख -सुख को भोगते थे... उन्हीं की यादों में.
रिवांश की वाइफ अपूर्वा उसके ठीक सामने बैठी थी और अपने स्कूल के बच्चों की रिजल्ट्स तैयार कर रही थी । वहीं रिवांश फोन चला रहा था और बीच - बीच में अपूर्वा को देख भी रहा था । आज उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था , उसे आज बार - बार पहली वाली अपूर्वा की
हम अपने उलझें रहते है और खुद को ही खुद की खबर नहीं होती. अपने -आप में डूबे रहना और खुद से ही खुद को समझा लेना बड़ी कला होती है
एक रोमांचक यात्रा जो आपको कल्पना के सीमारहित आयामों में ले उड़ेगी।
आज हम सभी भारतीयों को सामान नागरिक संहिता लागू होने पर एक नया नियम और सभी के लिए एक व्यवस्थापन होगा जिससे हम सभी अपने देश भारत में एक सोच और एक नियमावली से जुड़ेंगे।
पद्यात्मक, कविता के माध्यम से अनमोल काव्य लेखन संग्रह
एक कहानी सत्य घटना पे आधारित हैं।इसमें एक लड़की की शादीशुदा जिंदगी के बारे में बताया गया हैं।
मेरी किताब मेरे मन के विचारों पर केंद्रित है न इसमें अनावश्यक चीजों का समावेश है न किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों की रचना मेरी किताब समाज को प्रेरित करने महिलाओं में जाग्रति पैदा करने और वृद्ध लोगों का सम्मान करने के साथ साथ समाज की कुरी
सरकारी कार्यालयों में अनुवादकों और हिंदी अधिकारियों के मार्गदर्शन के लिये कार्यलय संदर्शिका । फिलहाल पीडीएफ प्रारूप में उपलब्ध।
करन कुन्द्रा और तेजस्वी प्रकाश पर कुछ शेर ❤️
कहानी एक जादुई फल की है । जिसके द्वारा प्रेतों को संतान का सुख मिलता था । और उनका वंश चलता था पर एक बार एक राजा ने उस फल को संतान प्राप्ति हेतु अपनी रानी को दिया फिर सुरु हुआ राजमहल में रहस्यमयी घटनाओं का सिलसिला । तथा वह राजा किस तरह अपनी महल की रह
मानव उत्पत्ति एक रहस्य है। वह कब, कहां और कैसे उत्पन्न हुआ इस विषय पर अनेकों मत हैं। जिसमें से कुछ मत तर्कजनित हैं तो कुछ कल्पनातीत। किसकी सत्यता कितनी है इस पर कोई भी एकमत न हो सका। इस सभी बातों से हटकर आज हम मानव जीवन के विषय में कुछ चर्चा करेंगे ज
इस किताब में आपको सिर्फ भोजपुरी कविताएं पढ़ने को मिलेंगी।