shabd-logo

सभी


आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा  है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द

आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा  है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द

आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा  है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द

आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा  है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द

बदल जाओ वक्त के साथबदल जाओ वक्त के साथया फिर वक्त बदलना सीखोमजबूरियों को मत कोसोहर हाल में चलना सीखो

धोखा दे जाती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक...हर चमकते काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते...!

प्यार हो या परिंदा,दोनों को आज़ाद छोड़ दो,अगर लौट आया तो तुम्हारा,और अगर न लौटा तो वह तुम्हारा था ही नहीं कभी

तुमको चाहने की वजह कुछ भी नही...इश्क की फितरत है बे वजह होना... 

सच्ची मोहब्बत की हसरत किसे नहीं होती   मगर हर किसी की किस्मत ऐसी नहीं होती      कोई एक होता है जो समा जाता है दिल में           हर किसी से तो&nbs

सुबह - सुबह तुम्हारे चेहरे पर स्माइल लाऊंगातुम लेटी रहना मै चाय बनाऊंगा

*प्रभु श्रीराम*नवमी के दिन प्रकट हुएदशरथ के घर श्रीरामअयोध्या में उत्सव मन रहागाते सब मंगलगान।पिता वचन को माननेकर सारे सुख बलिदानलक्ष्मण सीता संग मेंवन को कर गए प्रस्थान।खर-दूषण का वध किएदिए सबरी को म

ना दिन अच्छा है ना हाल अच्छा है...किसी जोगी ने कहा था कि ये साल अच्छा है... मैंने पूछा कब चाहेंगे वो मुझे मेरी तरह... बस मुस्कुरा के कह दिया सवाल अच्छा है... 

बेखौफ़ मुस्कुराते रहो... जो जलता है उसे जलाते रहो... 

बहुत जरूरी है पैसा कमाना क्योंकि... आजकल दिल नही औकात देखता है ज़माना... 

कुछ दिनों से ज़िन्दगी मुझे पहचानती नहीं... यूँ देखती है मानो मुझे जानती ही नहीं... 

तू शौक से कर सितम जितने भी तेरे बस में हैं... मैं भी तो देखूं कैसे कैसे तीर तेरे तरकश में हैं... 

शब्दों का प्रयोग सावधानी से करिए साहब, ये परवरिश का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करते हैं ...!(कृपया शालीनता से टिप्पणी करें और गलत भाषा का चयन करके अपनी गलत मानसिकता प्रकट न करें)-दिनेश कुमार कीर

रात मे जुगनू की झगमगाहट,आसमाँ मे तारों की झिलमिलाहट,ठंडी वादियों में हवाओं की सरसराहट,इन सबसे भी खूबसूरत हैआपके चेहरे की मुस्कुराहट...-दिनेश कुमार कीर

featured image

सूरज  की  एक  रौशनी,   देती  अंकुर  फोड़,  अपने मतलब की सीख को, लेवो सदा निचोड़ ।                (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"               

featured image

चलती चक्की साँस की,  जाने कब रुक जाय, जोड़-घटा और गुना-भाग में, काहे समय गँवाय ।                (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"                 

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए