एक दिन लेढ़ा गुरु ने बड़े दार्शनिक अंदाज में बताया
जनता द्वारा जनता के लिए जनता की सरकार में
पार्टियों की अहम् भूमिका होती है
जो चुनाव में जनता की चरण धोती हैं
पार्टी का वोट बैंक होता है
और नेता का स्विस बैंक होता है
प्रकट आरोपों -प्रत्यारोपों के बाद
एक गुप्त मतदान होता है
तत्पश्चात संख्या -पद्धति और
गुणा -गणित का आदान -प्रदान होता है
सरकार बनती है
गुप्त तरीके से बहुत कुछ करती है
प्रकट होने पर भ्रष्टाचार है घोटाला है
सफ़ेद हाथी पर लदा धन काला है
'प्राणायाम ' बेचनेवाला भी
इस पर डाका डाला है
जनता सभी को सुनती है
मन में कुछ गुनती है
जो मिलता है
उसी में से चुनती है
पार्टिओं के पास मोहनी -मंत्र है
अनोखा अपना लोकतंत्र है
--- अनिल कुमार शर्मा
अनिल कुमार शर्मा की अन्य किताबें
मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित हैD