मित्र सुधार इतना होता है
किन्तु हम सुधरते नहीं है
और सुधार के धंधे भी
कभी उबरते नहीं है
जब से बना है संविधान
संशोधन में ही फँसा है
बिकाऊ न्याय के बाहर
हम बेचारों का हाथ कसा है
अब तो मुझे हर जगह जाने क्यों
दुकान ही दुकान नज़र आती है
यह व्यवस्था क्यों नहीं शर्माती है ?
लगता है संसद निजी क्षेत्र में है
सिर्फ धोखा ही हमारे नेत्र में है
यह विकास किसका है
और किसके लिए है
पूछ लो उनसे
जिनके बुझ गए दीये है
वो तो अँधेरा फैलाकर
बिजली और बल्ब बेचते है
विकास के कचरे बिखेर कर
शुद्ध हवा और जल बेचते हैं
वो अपना एजेंट चुनवाते हैं
हम जनप्रतिनिधि चुनते है
एक धोखे की चादर बुनते है
जिसे ओढ़ते -बिछाते हुए
हम लोग प्रवचन सुनते है
अब तो कई ब्रांडो के भगवान दीखते हैं
बाजार में मठों के नाम बिकते हैं
योग के बाजार में बेचता नून तेल धनिया है
योगी भी बन गया बनिया है
योग का नचनिया है
आस्था का बाज़ारीकरण है
पतंजलि का पंसारीकरण है
अब तो संतों के नाम पर
जूते के दुकान खुलते हैं
हमारी बुनियाद में कितने
अफवाहों बुलबुले घुलते है
पुरानी गन्दगी को हम
नयी गन्दगी से धुलते हैं
इसी तरह के राह से हम गुजरते है
कुछ बिगड़ते है कुछ सुधरते हैं
इसी तरह सुधार के धंधे चलते हैं
जिसमे भ्रष्टाचार पलते है
हर बार किसी न किसी
बाज़ीगर के बनाये सांचे में ढलते है
सड़ती हुई व्यवस्था में गलते हैं |
अनिल कुमार शर्मा
11/04/2017
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मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित हैD