का हो गुरु !
ब्रह्मा हो विष्णु हो महेश हो
चेला के आगे गोबर गनेश हो
अब तो चेला स्कूल चलाता है
गुरूजी को वित्तविहीन कॉलेज में
पलिहर का बन्दर का बनाता है
खाली टिन की तरह बजाता है
चेला जब चुनाव लड़ता है
गुरूजी पोस्टर चिपकाते है
दारू की पेटी भी छुपाते है
घटिया को बेहतर बताते है
अँधेरे में और अँधेरा दिखाते है
एक प्रशस्त कुमार्ग बनाते है
चाणक्य के चाचा जनाते है
एकलव्य का अंगूठा मंगाते है
आरुणि उपमन्यु और वेद से
गृहस्ती की मवेशी चरवाते है
विश्वामित्र की तरह जिद में
त्रिशंकू की दुर्दशा कराते है
कुछ तो चेला को फँसाकर
अपनी लंगोट बचाकर खुद पराते है
गुरु से हटकर गुरुघंटाल हो
परम ब्रह्म से भरमजाल हो
सियार की तरह बाघ की ओढ़े खाल हो
जय जय गुरुघंटाल हो ।
अनिल कुमार शर्मा
05/09/2016
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मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित हैD