कितना खलता है कुछ होते होते रह जाना
किसी बुनियाद का बनते बनते ढह जाना
खूबसूरत ईमारत के सपनों का बह जाना
कई बार मैं भी होते होते रह जाता हूँ
चेहरों की बाढ़ में गुमनाम बह जाता हूँ
एक चेहरे से दूसरे चेहरे में ढलता हूँ
फौलादी भ्रम लिए मोम सा पिघलता हूँ
ज़माने का जहरीला घूँट निगलता हूँ
आदमी के जिंदगी में इतना जहर क्यों है
आखिर वीरान होता यह शहर क्यों है
अस्तित्व जीने की एक अजीब मर्यादा है
पूंछ उठा कर देखो तो सबके सब मादा है
सूत्र में उच्च विचार और जीवन सादा है
व्यवहार में ओढा विसंगतियों का लबादा है
तर्क तो बहुत कम विश्वास ज्यादा है
कटोचता है उम्मीदों का धरा का धरा रह जाना
ग़ाज़ीपुर से सिंघासन का गोरखपुर बह जाना
कितना खलता है कुछ होते होते रह जाना
अनिल कुमार शर्मा
२५ /०३/२०१७
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मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित है,मैं एक कवि हूँ । मेरा काव्य संग्रह " कंगाल होता जनतंत्र " विकल्प प्रकाशन , दिल्ली से प्रकाशित हैD