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मनुष्य स्वयं भाग्य विधाता

1 जनवरी 2023

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किसी भी मनुष्य की जिंदगी में कोई भी चीज बिना मेहनत के कभी भी नहीं मिलती है, क्योंकि मनुष्य की जिंदगी में अनिश्चितताओं का अनन्त सागर है जो कभी भी लहरों के रूप में तूफान मचा सकता है और कभी भी शांत होकर उसकी जिंदगी को आसान बना सकता है।।
मनुष्य को अपने भाग्य का निर्माण करने के लिए सदैव कर्मरत होना आवश्यक है क्योंकि जब तक मनुष्य कर्म नहीं करेगा उसकी जिंदगी की तस्वीर नहीं बदल सकती है।
मनुष्य के जीवन में एक मेहनत ही जिसके बल पर मनुष्य ने असीम जलराशि वाले सागरों को पार किया है,अनन्त तक विस्तारित गगन पर उड़ने का सपना सच किया है और उच्च शिखर के गिरियों की चोटियों पर पहुंचकर सफलता हासिल की है।
जिस तरह एक निर्जीव वस्तु बिना किसी के सहारे गति नहीं कर सकती,उसी तरह मनुष्य की जिंदगी बिना कर्म के सफलता हासिल नहीं कर सकती है।
हम जिस अच्छे बुरे काम को भाग्य का दोष देते हैं वह हमारे काम की मेहनत का परिणाम है यदि हमारी मेहनत में कमी रहती है तो वह हमें असफलता के परिणाम देती है और जब हम पूरी लगन और मेहनत के साथ लक्ष्य प्राप्ति के संकल्प की ओर बढ़ते हैं तो वह हमारे लिए सफलता का विकल्प है।
जिस तरह बिना हवा के पत्ते नहीं हिलते हैं उसी तरह बिना मेहनत के सफलता नहीं मिलती है।
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रचनाएँ
अपनी किस्मत के दीपक तुम स्वयं हो
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मनुष्य के जीवन में सफलता हासिल करने के बहुत से मौके आते हैं। जिनमें वह एक सफल व्यक्ति बनकर सफलता हासिल कर सकता है। मनुष्य अपनी किस्मत को स्वयं बदल सकता है। मनुष्य के जीवन का लक्ष्य और उसके अनुरूप उसकी मेहनत उसके जीवन में दीपक बनकर उजाला करने के लिए पर्याप्त है। ईश्वर भी मनुष्य के जीवन में उसी समय साथ देता है जब वह स्वयं अपनी जिंदगी में मेहनत करके आगे बढ़ने का प्रयास करता है।

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